Sravana Putrada Ekadashi in August: सावन की पुत्रदा एकादशी कब है, जानिए सही तिथि मुहूर्त और हरिवासर का समय

Putrada ekadashi 2024 sawan : सावन की एकादशी की महिमा इसलिए भी बढ़ जाती है कि इसमें भगवान विष्णु के साथ शिव की पूजा की जाती है। जिन लोगों की संतान नहीं होती है, उन्हे पुत्रदा एकादशी कहते हैं।जानिए कब है...

Update:2024-08-14 10:45 IST

Putrada Ekadashi 2024 Sawan सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत है?

  हिंदू धर्म में  एकादशी का बहुत महत्व है। हर महीने दो एकादशी दो पक्ष में पड़ती है। हर एकादशी की अपनी महिमा है। सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस साल 2024 में पुत्रदा एकादशी व्रत 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति और इसके प्रभाव से संतान की रक्षा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत मुहूर्त

शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10.26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 16 अगस्त को सुबह 09 39 मिनट पर है। 16 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत रख जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे। इसके अगले दिन 17 अगस्त को सुबह 05 . 51 मिनट से लेकर सुबह 08 . 05 मिनट तक पारण कर सकते हैं। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

एकादशी तिथि प्रारम्भ : 15 अगस्त 2024,10:27 AM

एकादशी तिथि समाप्त : 16 अगस्त 2024, 9:40 AM

 हरिवासर 16 अगस्त 2024, 3:16 PM

अभिजीत मुहूर्त -12:06 PM से 12:58 PM

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 . 24 मिनट से 05. 08 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 . 36 मिनट से 03 . 29 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06. 59 मिनट से 07 . 21 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12..04 मिनट से 12 .47 मिनट तक

17 अगस्त को पारण का समय : 8:06 AM

सावन की पुत्रदा एकादशी की महिमा

सब तीर्थों के समान, सब व्रतों में उत्तम है एकादशी व्रत। सावन की एकादशी की महिमा इसलिए भी बढ़ जाती है कि इसमें भगवान विष्णु के साथ शिव का भी आशीर्वाद बरसता है। जिन लोगों की संतान नहीं होती है, वो अगर पूरी श्रद्धा से अगर पुत्रदा एकादशी का व्रत करते हैं तो उनकी हर इच्छा पूरी होती है। भगवान श्री विष्णु और Mf की कृपा बरसती रहती है। एकादशी के एक दिन पहले से सात्विक होकर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर इस दिन तुलसी जी और भगवान विष्णु की पूजा और मंदिर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें तो अगर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। इस व्रत, कथा महात्मय सुनने के साथ दान-पुण्य का भी महत्व है। इस दिन पूरे समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करें। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है। विष्णु पुराण,पद्म पुराण व भागवद् के अनुसार कामिका एकादशी समस्त भय और पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान बताया गया है। इस व्रत के करने संतान सुख, अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।

पुत्रदा एकादशी पर पढ़ें ये मंत्र बचें इन कामों से

ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते,

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता'

'ॐ क्लीं कृष्णाय नमः'

इस दिन इस मंत्र का जाप अवश्य करें इससे निसंतान दंपति को संतान मिलती है।

इसके अलावा इस दिन मांस-मदिरा न खायें। लहसुन प्याज के खाने का प्रयोग न करें।

किसी चुगली या बुराई करने से बचें।

भोजन में चावल या उससे बनी वस्तुओं का इस्तेमाल कम करें।

पूरे दिन भगवान विष्णु, शिव और मां लक्ष्मी का स्मरण करें।इस दिन जगराता करने से मनोकामना जल्दी पूरी होती है।


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