Sawan Maas Upay: 16 दिन बाद लग रहा 2 मास का सावन, इस मंत्र और उपाय से दूर करें हर दुख और भय

Sawan Maas Ke Kargar Upay: सावन का महीना पवित्र है इस माह में भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस बार पूरे दोो मास का सावन लग रहा है तो इस बार खास उपाय करके शिव भगवान की कृपा पानी चाहिए

Update:2023-06-17 08:27 IST
Sawan Maas Ke Kargar Upay (सौ. से सोशल मीडिया)

Sawan Maas Ke Kargar Upay: सावन मास के शुरु होने में अब 15-16 दिन ही शेष रह गए है। इस बार शिव की भक्ति व कृपा पाने के लिए पूरा 2 मास मिलेगा। सावन में अगर मनुष्य विधि विधान से नियमो का पालन करता है तो उसे जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं होता है। सावन में शिव के महामृत्युंजय मंत्र को जपने से अकाल मृत्यु टलती है। आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस माह में यह मंत्र 10 गुना अधिक फल देता है।

सावान में महामृत्युंज जाप

पुराणों में भगवान शिव की उपासना का उल्लेख है। शिव की उपासना करते समय पंचाक्षार मंत्र ॐ नम: शिवाय और महामृत्युंजय आदि मंत्र जप बहुत खास है। इन मंत्रों के जप-अनुष्ठान से सभी प्रकार के दुख, भय, रोग, मृत्यु भय आदि दूर होकर मनुष्‍य को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

देश-दुनिया भर में होने वाले उपद्रवों की शांति और अभीष्ट फल की प्राप्ति को लेकर रूद्राभिषेक आदि यज्ञ-अनुष्ठान किए जाते हैं। इसमें शिवोपासना में पार्थिव पूजा का भी विशेष महत्व होने के साथ-साथ शिव की मानस पूजा का भी महत्व है।

महामृत्युंजय मंत्र :

ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूः भुवः स्वः।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ॥

स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य-लाभ होता है।
दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है।
इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं, अतः इस मंत्र का सदैव श्रद्धानुसार जप करना चाहिए।
सावन में गरीबी धन-हानि को ऐसे दूर करें
ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म, मास, गोचर और दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा आदि में ग्रहपीड़ा होने का योग है। किसी महारोग से पीड़ित होने पर। मुकदमा आदि में फंसने पर, हैजा-प्लेग आदि महामारी से लोग मर रहे हों।,राज्य या संपदा के जाने का अंदेशा हो।, धन-हानि हो रही हो।
  • मेलापक में नाड़ीदोष, षडाष्टक आदि आता हो। राजभय हो। मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो। राष्ट्र का विभाजन हो गया हो। परस्पर घोर क्लेश हो रहा हो। त्रिदोषवश रोग हो रहे हों। प्राकृतिक आपदा आने पर।
  • सावन मास में जहां शिवोपासना, शिवलिंगों की पूजा की जाती है जिससे मनुष्‍य को अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इस माह में बिल्व पत्र, जल, अक्षत और बम-बम बोले का जयकारा लगाकर और शिव चालीसा, शिव आरती, शिव-पार्वती की उपासना से भी आप शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।
  • अगर आपके लिए हर रोज शिव आराधना करना संभव नहीं हो तो सोमवार के दिन आप शिव पूजन और व्रत करके शिव भक्ति को प्राप्त कर सकते हैं और इसके लिए सावन माह तो अति उत्तम हैं। शिव को दूध-जल, बिल्व पत्र, बेल फल, धतूरे-गेंदे के फूल और जलेबी-इमरती का भोग लगाकर शिव की सफल
  • भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है। सावन में प्रति सोमवार, प्रदोष काल में की गई पार्थिव शिव पूजा अतिफलदायी है।
  • प्रेम से भगवान शिव की चाहे जिस तरह आराधना करें, वे अपने सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं और उनके सारे दुखों का निवारण कर उन्हें सुखी जीवन जीने का वरदान देते हैं। उनका ॐ नम: शिवाय का मंत्र जप हमारे सभी पाप कर्मों को दूर करके, हमें पुण्य के रास्ते पर ले जाता हैं।

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