Sawan 2023 Me Kab Shuru Hoga, सावन कब शुरू होगा, यहां देखें अधिकमास में सावन का जल कब -कब चढ़ेगा ?
Sawan Mahina 2023 Me Kab Shuru Hoga, 2023 में सावन महीना कब शुरू होगा?: इस बार 60 दिनों का सावन रहेगा, शिव भक्ति के इस बार पूरे दो माह रहेगा। ऐसा अधिकमास की वजह से होगा । सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। जानिए 2023 के सावन माह की जानकारी
Sawan Mahina 2023 Me Kab Shuru Hoga
सावन महीना 2023 में कब शुरू होगा?
सावन की शुरूआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है।31 अगस्त को समाप्त होगा। क्योंकि सावन मास इस साल अधिक मास के कारण दो माह का रहेगा, ऐसे में इस बार सावन सोमवार चार नहीं आठ होंगे।
इस मास में शिव-शंकर की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है। कहते हैं कि भगवान शिव को यह मास अत्यंत प्रिय है। इस मास में शिव को जलाभिषेक करने का अत्यंत महत्व है। सावन में शिव को जल चढ़ाकर श्रीहरि को प्रसन्न किया जाता है, क्योंकि जो शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं वह श्री विष्णु को मिलता है। ऐसा इसलिए कि भगवान हरि जल में निवास करते है।
सावन मास में सोमवार,त्रयोदशी, प्रदोष व्रत और पूर्णिमा तिथि के दिन अगर भगवान शिव को जल चढ़ाया जाए तो लिंगेश्वर भोले भंडारी शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा पूरे सावन में किसी भी दिन शिव को जलाभिषेक कर कृपा पात्र बन सकते हैं। इस बार सावन में 8 सोमवारी व्रत पड़ रहा है।
सावन में जलाभिषेक से शिव की कृपा
सावन मास के आरंभ के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है और पूरे मास में शिव को जलाभिषेक किया जाता है। शिव जलाभिषेक से हर पीड़ा, कष्ट और बीमारी का नाश होता है। हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन महीने की शुरुआत होती है। सावन मास में सोमवार और शिवरात्रि को शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। सावन माह में शिवरात्रि के दिन कावंड़ लेकर शिवभक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत करने से सुख-शांति, सौभाग्य की प्राप्ति होती है, रोग दूर होते हैं, आरोग्य की प्राप्ति होती है।
इस बार 2 माह के सावन मास में 8 सोमवार पड़ रहा है। सावन महीना 2023 में सोमवार 10 जुलाई 2023 से 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। सावन 2023 में सावन सोमवार के तिथियों की लिस्ट।
शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक का सही समय
जानिये शिवरात्रि के दिन सावन का जल कब चढ़ेगा? वैसे तो शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छा और शुभ समय दोपहर के बाद होता है। शिव की पूजा करने के लिए प्रदोष काल , निशित काल, रात्रि के प्रहर को सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं शिव निरंकारी परब्रह्म और रात्रिचर है। जो भी भक्त इन समयों में शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करता हैं । उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। सावन महीने में सोमवार का व्रत अच्छे वर, स्वास्थ्य, अपनी मनोकामना आदि के लिए किया जाता है, जिसमे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैं। यह व्रत भक्तों को उनके आसपास के समस्त लोगों के साथ एकता और सद्भाव का भाव दिलाता है।
अधिकमास में सावन का जल कब -कब चढ़ेगा?
शिवरात्रि तिथि- 16 जुलाई 2023को 06:28
- चतुर्दशी तिथि शुरू : 15 जुलाई 2023 को रात 08:32 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 16 जुलाई 2023 रात 10:08 बजे
- शिवरात्रि पारण का समय - 16 जुलाई 2023 के बीच - 05:33 पूर्वाह्न से 03:54 बजे तक
- निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM,
जलाभिषेक का समय व् जल चढाने का शुभ समय - 07:08 AM से 09:48 AM तक सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का सबसे उत्तम समय है
सावन में सोमवार के दिन जलाभिषेक कब करें
पहला सावन सोमवार- 10 जुलाई 2023
- सुबह- 04:19 AM, जुलाई 10 से 05:23 AM, जुलाई 10
- शाम- 06:47 PM से 07:50 PM तक
- निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।
दूसरा सावन सोमवार- 17 जुलाई 2023-सोमवती अमावस
- सुबह- 04:22 AM, से 05:26 AM,
- शाम- 06:43 PM से 07:47 PM तक
- निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM तक जलाभिषेक करें।
- सवार्थसिद्ध योग-05:11 AM, July 18 से 05:18 AM,
तीसरा सावन सोमवार- 24 जुलाई 2023
- सुबह- 04:24 AM, से 05:29 AM
- शाम- 06:38 PM से 07:44 PM तक
- निशिता काल-11:42 PM से 12:25 AM तक जलाभिषेक करें।
रवि योग-05:21 AM से 10:12 PM
चौथा सावन सोमवार- 31 जुलाई 2023
- सुबह- 04:26 AM, से 05:32 AM
- शाम- 06:32 PM से 07:38 PM
- निशिताकाल- 11:40 PM से 12:24 AM तक जलाभिषेक करें।
- रवि योग- 05:24 AM से 06:58 PM
- सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
पूरे सावन मास में जलाभिषेक
सामान्यत: पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।
- सुबह: 05:40 से 08:25 तक
- शाम 19:28 से 21:30 तक
- शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
- रात्रि 23:33 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)
पूरे सावन मास या फिर सावन के सोमवार को सुबह के समय जल्दी उठ कर स्नान करना चाहिए। हो सके तो पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व है, लेकिन कोरोना की वजह से बहुत हद तक यह संभव नहीं है। इसलिए इस दिन घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान कर लेने से भी शिव के कृपा पात्र बनेंगे। उसके बाद षोड्सोचार विधि से मोली, धूप, दीप,जनेऊ, चंदन अक्षत बताशा से पूजन करना चाहिए। शिव चालीसा शिवमंत्रों का जाप करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इससे भोले बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं।भगवान शिव की पूजा के दौरान इन ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ महामृत्युंजय मंत्र’, ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्’ मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती