जानिए कुंडली के किस भाव में विराजमान रहता है शनि, तो पड़ता है अशुभ प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का महत्व बहुत अधिक है। इनका जीवन पर अच्छा व बुरा दोनों प्रभाव पड़ता है। चाहे सौर मंडल का कोई भी भी ग्रह हो अगर जातक की कुडंली में सही जगह पर नहीं है तो ऐसे जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

Update:2020-05-23 07:07 IST

लखनऊ : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का महत्व बहुत अधिक है। इनका जीवन पर अच्छा व बुरा दोनों प्रभाव पड़ता है। चाहे सौर मंडल का कोई भी भी ग्रह हो अगर जातक की कुडंली में सही जगह पर नहीं है तो ऐसे जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर शानि और मंगल ग्रह जातक के लिए बहुत महत्व रखते हैं। इनकी सही स्थिति जातक को खुशहाल समृद्ध बनाती है तो वहीं खराब स्थिति बुरा प्रभाव डाल कर जातक का जीवन नरक बना देती हैं।जानते हैं कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति...

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*शनि भाव 3, 6,10, या 11 में शुभ प्रभाव प्रदान करता है। प्रथम, द्वितीय, पंचम या सप्तम भाव में हो तो अरिष्टकर होता है। चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर प्रबल अरिष्टकारक होता है। यदि जातक का जन्म शुक्ल पक्ष की रात्रि में हुआ हो और उस समय शनि वक्री रहा हो तो शनि भाव बलवान होने के कारण शुभ फल प्रदान करता है।

*शनि का सातवां भाव बुध और शुक्र से प्रभावित होता है। ये दोनों ही शनि के मित्र ग्रह हैं। इसलिए शनि इस घर में बहुत अच्छा परिणाम देता है। ऐसे लोगों को शनि से जुड़े व्यवसाय जैसे मशीनरी और लोहे का काम बहुत लाभदायक होते हैं। यदि जातक अपनी पत्नी से अच्छे संबंध रखता है तो वह अमीर और समृद्ध होगा और लंबी आयु के साथ अच्छे स्वास्थ्य साथ जीवन आनंददायक रहता हैं।

*शनि का आठवें भाव में फल-आठवें घर में कोई भी ग्रह शुभ नहीं माना जाता है। जातक दीर्घायु होगा लेकिन उसके पिता की उम्र कम होती है और जातक के भाई एक-एक करके शत्रु बनते जाते हैं। यह घर शनि का मुख्यालय माना जाता है, लेकिन यदि बुध, राहू और केतु जातक की कुंडली में नीच के हैं तो शनि बुरा परिणाम देगा।

 

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*शनि का नौवें भाव में फल-जातक के तीन घर हो सकते हैं। जातक एक सफल टूर ऑपरेटर या सिविल इंजीनियर होगा। वह एक लंबे और सुखी जीवन का आनंद लेगा। साथ ही जातक के माता-पिता भी सुखी जीवन का आनंद लेंगे। यहां स्थित शनि जातक की तीन पीढ़ियों शनि के दुष्प्रभाव से बचाएगा। अगर जातक दूसरों की मदद करता है तो शनि ग्रह हमेशा अच्छे परिणाम देगा। जातक का एक बेटा होगा। हालांकि वह देर से पैदा होगा।

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