Shanivar Ke Saral Upay: शनिवार को पूजा में करें इन नियमों का पालन, वरना होंगे शनिदेव के कोपभाजन, खासकर औरतों रहें सावधान
Shanivar Ke Saral Upay: इस संसार में आए हर प्राणी को ईश्वर का ध्यान और नामजप का अधिकार है। लेकिन इसके बावजूद कुछ देवताओं के पूजा ध्यान को लेकर कन्फयूजन है खासकर हनुमान जी और शनिदेव की पूजा के संबंध में कहा जाता है कि महिलाओँ को इनसे दूरी रखनी चाहिए। तो जानते हैं कि औरतों को शनिदेव की पूजा में रहना चाहिए सावधान...
Shanivar Ke Saral Upay शनिवार के सरल उपाय: शनिदेव ( shanidev) को न्याय का देव है। अगर किसी की कुंडली ( kundli) में शनिदोष है तो नियमित रूप से शनिवार को शनि देव की पूजा करनी चाहिए। इससे शनि की महादशा, ढेया और साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाता है। जिस भी जातक पर शनिदेव मेहरबान होते हैं उसकी नैया पार हो जाती है। शनि को क्रूर ग्रह भी माना जाता है और यदि कुंडली में शनि देव सही स्थान पर ना हो तो आपकी परेशानियां भी बढ़ सकती है।
औरतों को शनिदेव की पूजा में रहना चाहिए सावधान
महिलाएं जब शनिदेव की पूजा करती हैं तो उनके लिए जरूरी है कि वह कुछ नियमों का पालन करें। यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो शनि की नाराजगी से उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
- शनिदेव की नजर हमेशा ही अच्छे और बुरे कर्म करने वालों पर बनी रहती है। महिलाओ की कुंडली में शनि दोष हो या फिर शनि की महादशा हो तो उन्हें शनिदेव की नियमित आराधना करनी चाहिए।
- शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि महिलाओं का शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना भी वर्जित है। शनि को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक लगाएं या फिर शनि मंदिर में शनि के नियमित दीपक लगा सकती हैं।
- यदि महिलाएं शनि की कृपा पाना चाहती हैं तो वह शनि चालीसा का पाठ कर सकती है।इस प्रकार वह भगवान शनिदेव को आसानी से प्रसन्न कर सकती हैं।
- शनिवार के दिन महिलाओं को शनि से संबंधित चीजें जैसे सरसों का तेल, काले कपड़े, काले जूते, लोहे के बर्तन, काली उड़द आदि चीजों का दान करना चाहिए. इससे शनि दोष शांत होता है।
- शनिदेव की पूजा करते समय महिलाओं को गलती से भी शनि की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है। शास्त्रों के अनुसार, शनि देव की मूर्ति को छूने से महिलाओं पर शनि की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है।
क्या महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए?
एक बात ध्यान रखे कि पुरुष दोनों समान रूप से शनि आराधना कर सकते हैं। बस उसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना चाहिए। जैसे कि महिला हो या पुरुष शनि देव को स्पर्श नहीं करना चाहिए। शुद्धता के नजरिए से मंदिर के शनि प्रतिमा की मूल पूजा केवल पुजारी को ही करनी चाहिए।
शनिदेव की पूजा में सब के लिए नियम
- भगवान शनि के मंदिर कई लोग जाते हैं। लेकिन इसमें कुछ सावधानी रखना भी जरूरी होती है और भी कई बातें हैं जिनका ध्यान रखना होता है अन्यथा शनि महाराज कब नाराज होकर आपके लिए संकट खड़ा दे यह कहा नहीं जा सकता।शनि मंदिर जाने के नियम।
- शनि मंदिर में भगवान शनिदेव की प्रतिमा की आंखों में आंखें डालकर देर तक नहीं देखना चाहिए। दर्शन कर सकते हैं परंतु उनके प्रति श्रद्धा का भाव होना चाहिए।
- शनिदेव पर तेल चढ़ाना चाहिए परंतु इस बात का ध्यान रखें कि वह तेल इधर-उधर ना गिरे और खराब तेल ना हो। अच्छे तेल का उपयोग करें। यदि छायादान कर रहे हो तो उस तेल को नहीं चढ़ाते हैं उसे कटोरी सहित ही शनिदेव के चरणों में रख देते हैं।
- शनिदेव की मूर्ति के एकदम सामने खड़े होकर कभी भी पूजा या प्रार्थना ना करें। शनि मंदिर में यदि बाहर कोई गरीब, अपंग या भीखारी हो तो उसे दान जरूर दें। नहीं दान दे सकते हो तो कम से कम उनका तिरस्कार ना करें। वहां सभी से अच्छा व्यवहार करें।
- शनि मंदिर में किसी भी प्रकार की सांसारिक वार्ता ना करें। चुपचाप अपनी पूजा या प्रार्थना करने के बाद मंदिर की सीढ़ियों पर कुछ देर के लिए बैठे और लौट आएं।
- शनि की पूजा में दिशा का विशेष महत्व होता है। शनि को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है इसलिए शनि की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए। इसीलिए जहां पर शिलारूप में शनिदेव हो वहीं जाएं।
- माना जाता है कि शनिदेव को लाल रंग पसंद नहीं है इसलिए शनिवार को पूजा में भूलकर भी लाल रंग के फूल या कोई लाल सामाग्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।