जन्माष्टमी स्पेशल: एक छोटी सी गलती, इस दिन करवा सकती है बड़ा नुकसान, जानें कैसे

11 और 12 अगस्त को   देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन न केवल घरों में बल्कि मंदिरों में भी तैयारियों को पूर्ण कर लिया गया है, लेकिन एक बात जानना  चाहिए कि यदि आपके घर में पहले से लड्डू गोपाल मौजूद हैं,

Update: 2020-08-07 16:05 GMT
प्रतीकात्मक

जयपुर: 11 और 12 अगस्त को देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन न केवल घरों में बल्कि मंदिरों में भी तैयारियों को पूर्ण कर लिया गया है, लेकिन एक बात जानना चाहिए कि यदि आपके घर में पहले से लड्डू गोपाल मौजूद हैं, तो आपको सावधानी भी बरती होगी क्योंकि आपकी एक छोटी सी भूल आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।

यह पढ़ें..कोरोनाकाल का मास्टरपीसः समय व्यर्थ न गंवाएं, अंधेरों के बीच करें रोशनी की तलाश

लड्डू गोपाल रखने के कुछ नियम

लड्डू गोपाल की सेवा करने के कुछ नियम हैं। यदि हम इन नियमों का पालन करते हैं तो लड्डू गोपाल यानि कि भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप बेहद फायदा पहुंचाएगा। जन्माष्टमी तो भगवान कृष्ण का जन्मदिन है, लेकिन घर में जिस दिन लड्डू गोपाल का प्रवेश होता है और उनकी प्राण-प्रतिष्ठा होती है, हर साल उस दिन को भी भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। घर में बच्चों को बुलाकर लड्डू भगवान का बर्थडे मनाया जाना चाहिए। बच्चों को खिलौने के रूप में गिफ्ट दिया जाना चाहिए।

यह पढ़ें..जन्माष्टमी 11 अगस्त कोः सभी व्रतों में सर्वोत्तम, जानिये सब कुछ

घर के सदस्य है लड्डू गोपाल

लड्डू गोपाल महज एक मूर्ति नहीं, बल्कि घर के सदस्य होते हैं। यहां तक कहा जाता है कि जिस दिन घर में लड्डू गोपाल का प्रवेश हो जाता है, उस दिन से वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है। यही कारण है कि उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह व्यव्हार होना चाहिए। जिस तरह परिवार के सदस्य सुबह नाश्ता, दोपहर और फिर रात में भोजन करते हैं, वैसे ही लड्डू भगवान को भी समय-समय पर नाश्ता और भोजन कराया जाना चाहिए। लड्डू गोपाल को रोज स्नान कराएं। उन्हें साफ-स्वच्छ कपड़े पहनाएं। स्नान करवाते वक्त गर्म या ठंडे पानी बंदोबस्त जरूर करें।

यह पढ़ें..जन्माष्टमी: इस दिन मनाया जाएगा कान्हा का जन्मोत्सव, जानें विधि और शुभ मुहूर्त

लड्डू भगवान को भोग

घर में यदि कोई खाने की चीज आती है, तो उसमें से लड्डू भगवान का हिस्सा भी जरूर अलग करें और सबसे पहले उन्हें भोग लगाएं। भगवान को खिलौने प्रिय हैं। उनके लिए खिलौने लाते रहें और उनके पास रखें। उनके साथ खेले भी। लड्डू भगवान को कोई नाम दें। आप उनके साथ कोई रिश्ता भी बना सकते हैं। उन्हें पुत्र, पिता, गुरु मान सकते हैं। इस आधार पर नाम दें और सुबह प्रेमपूर्वक उठाएं। रात को भी ऐसा ही सुलाएं।

Tags:    

Similar News