जयपुर:जीवनशैली ने व्यक्ति को चिडचिडा और गुस्सैल स्वभाव का बना दिया है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखने को मिलता है। बच्चों का यह जिद्दीपन परिवारजन के लिए तो परेशानी बनता ही है लेकिन इसी के साथ ही बच्चे के स्वयं के विकास में भी बाधा हैं। कुछ ज्योतिषीय उपायों है जिनकी मदद से बच्चों के जिद्दीपन को दूर किया जा सकता है और उनके मन को शांत किया जा सकता हैं। तो जानते है इन उपायों के बारे में।
गणेशजी को बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इनकी आराधना से व्यक्ति को सदबुद्धि प्राप्त होती है और स्वभाव विनम्र हो जाता है। इनके दर्शन मात्र से दर्शनार्थी की जिद करने आदत छुट जाती है और वह सभ्य इंसान बन जाता है।यदि आपका बच्चा जिद्दी हो गया हो तो उसकी यह बुरी आदत छुड़ाने के लिए हर दिन उसे मोरपंखी से हवा दे और मन ही मन उसके हठ को दूर करने की विनती करे।
यदि बच्चे ज्यादा ही जिद करें तो उनके साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। बस केवल उनको रोज सीधे हाथ की सूंड वाले गणेशजी का दर्शन कराएं। इस दर्शन से उनकी बुद्धि में सुधार होने लगेगा तथा धीरे-धीरे उनकी जिद करने की आदत दूर हो जाएगी।
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किसी भी शनिवार की रात सोते हुए बच्चे की चोटी से 3-4 बाल काट लें। प्रात: उसे कागज में लपेट कर जला दें। किसी भी समय चौराहे पर फैंक दें। नित्य एक चम्मच खसखस पुडिय़ा में बांधकर एक माला गायत्री मंत्र करें। उसके उपरांत खसखस को 2 चम्मच देसी घी में भून कर दूध में मिला बच्चे को पिला दें। वीरवार से प्रारंभ करके 40 दिन दें, अति लाभ होगा।
शास्त्रों के अनुसार यदि कोई बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी हो, छोटी – छोटी बातों पर गुस्सा हो , माता – पिता की बात बिल्कुल न सुनता हो, चिडचिडापन उसके व्यवहार की मुख्य प्रवृति बन गई हो। तो इसके लिए हनुमान जी के मंदिर में शनिवार और मंगलवार को जाएँ और उनके बायें पैर का सिंदूर लेकर उसके माथे पर लागायें। हर मंगलवार और शनिवार के दिन इस प्रयोग को करने से आपका बच्चा जिद्द करना और गुस्सा करना बिल्कुल छोड़ देगा।