जयपुर: इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी के दिन दो दुर्लभ अत्यंत शुभकारी संयोग बन रहे हैं। पंडितजी के अनुसार इस बार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव सुबह 7:38 में मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। मकर संक्रांति इस बार रविवार को पड़ रही है, जिसे बहुत शुभ माना जा रहा है। रविवार के दिन मकर संक्रांति का पड़ना एक दुर्लभ संयोग है। मकर संक्रांति पर यह दुर्लभतम संयोग दशकों बाद पड़ रहा है, जब सर्वार्थसिद्धि योग और रवि प्रदोष का महायोग भी बन रहा है।
यह पढ़ें...12 जनवरी को काम लगेगा मन या रहेगा तनाव, बताएगा शुक्रवार राशिफल
ज्योतिषी के अनुसार 14 जनवरी को दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर वृष लग्न में सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार मकर संक्रांति के दिन सूर्य का केतु के साथ मिलन 17 साल बाद हो रहा है।
इस दिन सूर्य को खुश करने के लिए सूर्य-मंत्र का जाप लाभकारी माना गया है। इस बार पारिजात योग भी बन रहा है। इसलिए इस दिन स्नान-दान और सूर्य का पूजन करने से चार गुना अधिक फल मिलता है। शास्त्रों में मकर संक्रांति के दिन दान करना सर्वाधिक पुण्यकारक माना गया है। इसलिए इस शुभ संयोग में शुभ मुहूर्त में स्नान कर सूर्य को 'ॐ सूर्याय नमः' इस मंत्र से अर्घ्य देना चाहिए।
इस दिन उड़द के डाल का दान करना कई अर्थों में लाभकारी माना गया है। इस दिन तेल में दाल की पूरियां बनाकर कुत्ते को खिलाने से लाभ मिलता है। मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान आदि के निवृत होकर गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन की प्रायः सभी समस्याओं का निदान हो जाता है। साथ ही सूर्य देव को 'भानवे नमः' इस मंत्र से अर्घ्य देना श्रेयष्कर माना गया है।
मकर संक्रांति के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान कर सूर्य को जल अर्पित करने से सभी ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं। साथ ही 'ॐ आदित्याय नमः' इस मंत्र से अर्घ्य देने से सूर्य देव अति प्रसन्न होते हैं। मकर संक्रांति के दिन उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल देना चाहिए। साथ ही जल में लाल कुमकुम और लाल पुष्प भी मिलाना चाहिए।
यह पढ़ें...जानेंगे खिचड़ी में छिपे राज तो इस दिन खाने से नहीं करेंगे इसे परहेज
मकर संक्रांति के दिन सूर्य को अर्घ्य देते समय 'ॐ घृणी सूर्याय नमः' इस मंत्र को पढ़ना चाहिए। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन से सभी संकट दूर होते हैं।
मकर संक्रांति के दिन लालिमा लिए सूर्य का दर्शन करना अत्यंत शुभकारक माना गया है। इस दिन स्नान आदि से निवृत होकर 'ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः इस मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना गया है।