Surya Namaskar Ke Fayde: सूर्य नमस्कार क्या है, जानिए इसके फायदे और ध्यान देने योग्य बातें
Surya Namaskar Ke Fayde: सूर्य नमस्कार कई बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक हो सकता है। ऐसे में सूर्य नमस्कार से दिन की शुरुआत करने पर हर काम को मन लगाकर बेहतर तरीके से किया जा सकता है। जानते है इसके फायदे
Surya Namaskar Ke Fayde: जीवन में उर्जा और रोशनी का माध्यम है सूर्य है। सूर्य हमें अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का काम करता है इसलिए हमें हर रोज सुबह सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। सूर्य भगवान की कृपा जिस जीव पर होती है, उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अगर सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं तो मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।सुबह सुबह सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) की परम्परा सदियों से चली आ रही है। यह परम्परा वैज्ञानिक दृष्टि से फलदायी है।
सूर्य नमस्कार क्या है
सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर की सिर से लेकर पांव तक एक्सरसाइज हो जाती है। इसमें 12 चरम होते हैं, जो हमारे 7 चक्रों को सक्रिय करने की भूमिका अदा करते हैं।
सूर्य नमस्कार में 12 पोज़ होते हैं, जो हमारे 7 चक्रों को सक्रिय करने का काम करते हैं।
इसके हर एक स्ट्रैच में काफी मेहनत और ताकत लगती है।
सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका है कि आप हर एक पोज़ को कम से कम एक मिनट तक रोकें।
शुरुआत आप 30 सेकंड से कर सकते हैं. धीरे-धीरे आपकी स्ट्रेंथ बढ़ेगी और पाचन बेहतर होगा।
सूर्य नमस्कार से सकारात्मकता
सुबह सूर्य को देखना नेत्र विकार को दूर करता है। प्रात:काल हर व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना चाहिए, इससे जीवन में शुभफल मिलता है। यश-कीर्ति में बढ़ती है। जीवन के संकट दूर होते हैं। मन में सात्विकता की प्रधानता होती है। इस युग में सूर्य ऐसे भगवान है, जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं। हर दिन सूर्य नमस्कार करने से विचारशीलता बढती है और जीवन में सकारात्मकता का उदय होता है।
सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक आधार
सूर्य नमस्कार के पीछे वैज्ञानिक तर्क है कि जल चढ़ाते समय पानी से आने वाली सूर्य की किरणें, जब आंखों हमारी में पहुंचती हैं तो आंखों की रोशनी अच्छी होती है। साथ ही सुबह की धूप भी त्वचा के लिए भी लाभकारी होती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य को जल चढ़ाने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। कुंडली में सूर्य के अशुभ फल समाप्त होते हैं।
रविवार को रोज सुबह उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहन तांबे के बर्तन में जल व लाल चंदन मिलाकर दोनों हाथों को सीधा कर सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए। ध्यान रहे कि अर्ध्य देते समय पानी पैरों पर नहीं आएं। अर्ध्य के समय इस मंत्र का ऊॅँ घूणि सूर्याय नम: जाप करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार और मंत्र जाप
आंखों की रोशनी के लिए सूर्य को दिए जल जो भूमि पर पड़ा है उसे अपनी उंगलियों से आंखों पर लगाएं, कभी नेत्र विकार नहीं होगा। हमेशा ताम्बे का कड़ा पहने। नित्य प्रतिदिन इन मंत्रों से सूर्य को स्मरण करें-
ॐ मित्राय नमः , ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः व ॐ श्री सवितृसूर्यनारायणाय नमः।
सूर्य नमस्कार में ध्यान देने योग बातें
- सूर्य नमस्कार हमेशा सूर्योदय के समय सूर्य निकलने यानी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करें।
- इस योगासन के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझकर धीरे-धीरे और आराम से करें।
- सूर्य नमस्कार करने से पहले पेट खाली हो, तो बेहतर होगा।
- सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान केंद्रित करें।
- पीछे की ओर झुकने, पैरों को फैलाने और आगे की ओर झुकते वक्त ध्यान रखें कि शरीर पर किसी प्रकार का झटका न आए।
- सूर्य नमस्कार अपनी क्षमता के हिसाब से करें। मांसपेशियों पर अधिक जोर देने की आवश्यकता नहीं है।
- किसी ट्रेनर के साथ इसका शुरुआती अभ्यास किया जाए, तो बेहतर होगा।
- शुरुआत में इस योग को करते समय शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द महसूस होता है, तो इसे करना बंद कर दें।
- गर्भवतियां इस आसन को करने का प्रयास न करें।
- हर्निया और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
- कमर में दर्द होने की स्थिति में सूर्य नमस्कार से परहेज करें।
- मासिक चक्र के दौरान भी महिलाओं को सूर्य नमस्कार न करने की सलाह दी जाती है।