निसंतान को मिलेगी संतान, इन ज्योतिषीय उपायों से घर में गूंजेगी किलकारी

अगर आपको  शादी के साल बाद भी संतान नहीं मिली तो चिकित्सा के साथ किसी अच्छे जानकार पंडित से भी परामर्श ले। नहीं तो चांदी का तार लें और उसको अग्नि में डाल दें।

Update:2021-02-12 09:43 IST
इन ज्योतिषीय उपायों से पूरी करें संतान प्राप्ति की चाहत, ग्रहों को बनाए अनुकूल

लखनऊ शादी के बाद हर पति-पत्नी की चाहत होती हैं कि उनके घर में एक नन्हा-मुन्ना मेहमान आए जो घर में खुशियां बढ़ाने का काम करें। लेकिन कुछ लोगों की शादी के बाद भी लंबे समय तक इस चाहत को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल होना जरूरी हैं। कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय जो ग्रहों को अनुकूल बनाएंगे और संतान प्राप्ति की चाहत को पूरा करेंगे। तो जानते हैं इन उपाय को...

धार्मिक किताब के अनुसार,अगर आपको शादी के साल बाद भी संतान नहीं मिली तो चिकित्सा के साथ किसी अच्छे जानकार पंडित से भी परामर्श ले। नहीं तो चांदी का तार लें और उसको अग्नि में डाल दें। फिर उस तार को दूध में डाल दें और पी जाएं, ऐसा लगातर 40 दिनों तक करें। इससे कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है, जिससे सभी शारीरिक समस्याओं का अंत होता है और संतान की कामना की पूर्ति होती है।

 

पौरुष वृद्धि करें मंत्र जाप

संतान प्राप्ति के लिए शुक्र के बीज मंत्र ‘ओम शुं शुक्राय नम:’ का जप करना लाभदायक रहेगा। इस मंत्र के जप से न सिर्फ पौरुष वृद्धि होती है बल्कि भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के नियमित जप से हानिकारक तत्वों का नाश होता है और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

 

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फिरोजा रत्न धारण करें

पौरुष वृद्धि के लिए फिरोजा रत्न धारण कर सकते हैं। बृहस्पति ग्रह का यह रत्न नीले रंग का होता है और यह उपचारात्मक शक्तियों के लिए सबसे अच्छा है। इस रत्न से शुक्र भी अनुकूल होता है और राहु-केतु की प्रतिकूलता में भी कमी आती है। इस रत्न को धारण करने से संतान प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। प्राचीन संस्कृति में फिरोजा रत्न को लोग संतान प्राप्ति और धन वृद्धि के लिए पहनते थे।

 

बिना सोचे विचारे नहीं पहनना

हीरा को बिना सोचे विचारे नहीं पहनना चाहिए और खासकर उन महिलाओं को जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं। संतान प्राप्ति के बाद ही महिलाएं हीरा रत्न धारण करें क्योंकि संतान प्राप्ति के लिए हीरा पहनना नुकसानदायक माना जाता है। साथ ही इससे शादीशुदा जिंदगी में व्यवधान आता है इसलिए बिना ज्योतिष सलाह के हीरा धारण न करें।

 

सूर्य व मंगल की स्थिति में कुंडली

किसी कारण से महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी आ रही है या फिर गर्भ नष्ट हो जाता है तो इसके लिए चिकित्सा के साथ-साथ लाल गाय और उसके बछड़े की सेवा करें। इसके साथ ही आप लाल या भूरे रंग का कुत्ता भी पाल सकते हैं। दरअसल इससे सूर्य व मंगल की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है और उससे संबंधित दोष भी दूर हो जाते हैं, जिससे गर्भधारण की समस्या खत्म होती है।

बच्चे की किलकारियां आंगन

अगर विवाह के काफी साल गुजर गए हैं और अभी तक बच्चे की किलकारियां आंगन में नहीं गूंजी हैं तो शुक्रवार के दिन मदार पेड़ की जड़ को उखाड़ लें और फिर उसको उस कमरे में बांध दें, जिसकी संतान न हो रही हो। ऐसा करने से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और संतान प्राप्ति की बाधा खत्म होती है।

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आशीर्वाद से जीवन

पितर हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। लेकिन कभी-कभी जाने-अनजाने ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसका असर गहरा होता है। इसलिए पीतरों को याद करते हुए पीपल पर जल और दूध चढ़ाएं और संतान प्राप्ति की कामना करें। ऐसा करने से पितर वंश वृद्धि के लिए आशीर्वाद देते हैं और इससे घर की प्रगति भी होती है।

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