इस मंत्र में है मनुष्य की मौत का राज, नहीं विश्वास तो कर लें जाप....
ज्योतिष शास्त्र में मंत्र को सभी प्रकार से प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों में जीवन की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग मंत्रों का उल्लेख किया गया है। शास्त्रों के अनुसार ये मंत्र इतने प्रभावशाली होते हैं कि इनके उच्चारण मात्र से ही सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
जयपुर: ज्योतिष शास्त्र में मंत्र को सभी प्रकार से प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों में जीवन की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग मंत्रों का उल्लेख किया गया है। शास्त्रों के अनुसार ये मंत्र इतने प्रभावशाली होते हैं कि इनके उच्चारण मात्र से ही सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
ऐसी मान्यता है कि इन मंत्रों का प्रभाव तभी सफल माना जाता है, जब इन मंत्रों का सही संख्या और सही विधि से जाप किया जाता है। साथ ही यदि इन मंत्रों का शास्त्र सम्मत जाप नहीं करने पर इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ता है। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति अपनी मौत का समय भी जान सकता है। मौत जीवन का सत्य है जिसे जीवन में मिला है उसे मौत आनी है तो इस सत्य को जितनी जल्दी मान लेते है जीवन आासान लगने लगता है। फिर लोगों को मौत के रहस्य को जानने की जिज्ञासा रहती है जिसका निश्चित समय नही पता होता है। लेकिन ज्योतिषय विधा में सबसुछ है। बस उससे जानने और अमल करने की जरुरत होती है। अगर ज्योतिष को सही से जान ले तो मौत का सही समय के संकेत मिलने लगते है।
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इस मंत्र के जाप से अपनी मौत का सही समय जान सकते हैं। इसका जाप अगर चंद्र ग्रह्ण या सूर्य ग्रहण की रात्रि में 108 की संख्या में की जाए तो व्यक्ति की शेष आयु पता चलता है। अगर इस मंत्र की सत्यता जानना हैं तो इसे आजमा सकते हैं। नारायण सूक्तम् में इस मंत्र का उल्लेख है।मंत्र इस प्रकार है....
ॐ ऋतं सत्यं परं ब्रह्म पुरुषं कृष्ण पिङ्गलम। ऊर्ध्वरेतं विरूपाक्षं विश्वरूपाय वै नमो नमः॥”
इसका निश्चित फल प्राप्त करने के लिए चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण को सबसे पहले इसकी एक माला का जाप करें। इसके पश्चात लगातार तीन रातों तक ऐसा करें।