Electric Vehicle Battery: इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को रिप्लेस करने का टाइम क्या होता है ? आइए जानते हैं डिटेल्स
Electric Vehicle Battery Replace: इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी कब डिस्चार्ज होने के साथ ही कब खराब हो जाए इसका आपको अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे ज्यादा कीमत उसकी बैटरी की ही होती है।
Electric Vehicle Battery Replace: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अब इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ने के साथ ही उनकी संख्या में भी तेजी से इजाफा होता जा रहा है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर ग्राहकों के मन में बनी कई तरह की गलत फ़हमियाँ अब समाप्त होने लगी हैं। लेकिन इसके अतिरिक्त अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल के रख रखाव को लेकर काफी ज्यादा अनभिज्ञता ग्राहकों के बीच बनीं हुईं हैं। जिसमें से सबसे प्रमुखता के साथ शामिल है इलेक्ट्रिक व्हीकल में उपलब्ध इसकी बैटरी को लेकर। देखा जाए तो हकीकत में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने से पहले ग्राहकों के मन में इसकी बैटरी की चार्जिंग और उसके रख रखाव से जुड़ी कई तरह की बेहद जरूरी जानकारियों से अवगत नहीं हो पाते हैं। इस अनभिज्ञता के साथ अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी में अचानक से कोई दिक्कत आ जाती है तो ऐसी स्थिति बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है। क्योंकि अभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रिपेयर करने वाले रिपेयरिंग सर्विस सेंटर से लेकर कारीगर और इसके पार्ट्स अभी आसानी से हर जगह सुलभ नहीं हैं।
ऐसे में हमारी थोड़ी सी भी लापरवाही हमारे लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी कब डिस्चार्ज होने के साथ ही कब खराब हो जाए इसका आपको अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे ज्यादा कीमत उसकी बैटरी की ही होती है। ऐसे में बैटरी को रिप्लेस करवाने में भी एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन क्या आपको पता है कि आपके इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी खराब होने से पहले ही सिग्नल देना शुरू कर देती है।
आइए जानते हैं इससे जुड़े डिटेल्स के बारे में-
कार और बाईक की अलग-अलग होती है बैटरी लाइफ
इलेक्ट्रिक व्हीकल में शामिल बैटरी की लाइफ की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार में आने वाली बैटरी की लाइफ आमतौर पर आठ साल से ज्यादा होती है और दो पहिया वाहनों में बैटरी की उम्र भी पांच से ज्यादा साल तक होती है। नॉर्मल व्हीकल की तुलना में काफी ऊंची कीमतों में मिलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की उम्र वैसे तो काफी ज्यादा होती है । लेकिन काफी हद तक रख रखाव पर भी निर्भर करता है।
उचित चार्जर का करें उपयोग
इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान रखने योग्य बात ये है कि अपने इलेक्ट्रिक वाहन को फास्ट चार्जर से बिलकुल भी चार्ज न करें। फास्ट चार्जर से बैटरी चार्ज करने में कम समय भले ही लगता है । लेकिन इस प्रक्रिया में बैटरी को ज्यादा करंट की सप्लाई होती है जिससे बैटरी के ओवर हीट होकर ब्लास्ट होने का खतरा रहता है । साथ ही फास्ट चार्जर से चार्ज करने पर वाहन की बैटरी लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित होती हैं। जहां तक संभव हो सामान्य चार्जर से ही चार्ज करें। नॉर्मल चार्जर से वाहन चार्ज होने में काफी समय लगता है। लेकिन इससे बैटरी सुरक्षित रहती है और काफी लंबे समय तक चलने का दावा करती है।
ओवर चार्ज से बचना चाहिए
इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी खराब होने के पीछे काफी कुछ हमारा उसकी सुरक्षा के प्रति अंजान होना भी होता है। बैटरी लाइफ को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि कभी-भी इन वाहनों को चार्ज पर लगाकर नहीं छोड़ना चाहिए। ओवर चार्ज होकर आग लगने का खतरा रहता है। यूं तो इन वाहनों को खरीदते समय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों की ओर से इस बात की जानकारी दी जाती है कि किस वाहन को चार्ज करने में कितना समय लगता है। ऐसे में हमें इन नियमों को नज़रंदाज़ करने से बचना चाहिए एमके
10 से 15 प्रतिशत तक रह जाए तो ही करें बैटरी चार्ज
अगर आपको अपना इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज करना है साथ ही इसकी बैटरी लाइफ का ध्यान रखना है तो अगर हम पूरी बैटरी खत्म करने के बाद चार्ज करते हैं तो इससे बैटरी को नुकसान होता है। अगर बैटरी की उम्र को बढ़ाना है तो कभी-भी बैटरी को 100 फीसदी खत्म होने के बाद चार्ज नहीं करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि जब बैटरी 10 से 15 प्रतिशत तक रह जाए तो ही चार्ज कर लेना बेहतर होता है। अगर हम पूरी बैटरी खत्म करने के बाद चार्ज करते हैं तो इससे बैटरी को नुकसान होता है।
कंपनी देती है बैटरी पर वारंटी
भारत में मिलने वाली ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी पर कंपनी की ओर से आठ साल या डेढ़ लाख किलोमीटर की वारंटी दी जाती है। वहीं इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर पर पांच साल और 60 हजार किलोमीटर तक की वारंटी दी जाती है।
तापमान भी डालता है इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता पर असर
हमारे आसपास का वातावरण हमारे वाहन की बैट्री लाइफ को भी प्रभावित करता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी की कार्य क्षमता पर तापमान के अनुसार बढ़ती और घटती है। क्योंकि बैटरी के लिए वातावरण के तापमान का सीधा असर पड़ता है ऐसी स्थिति में बहुत ज्यादा ठंड और बहुत ज्यादा गर्मी दोनों ही हमारे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अनुकूल नहीं होती।
बैटरी के चार्ज होने में ज्यादा समय लगना है खतरे की घंटी
नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के बाद बैटरी को चार्ज करने में काफी कम समय लगता है। उसकी रेंज भी काफी ज्यादा होती है।जैसे-जैसे बैटरी की हेल्थ खराब होती जाती है। वैसे-वैसे बैट्री के चार्जिंग की टाइमिंग में फर्क आता जाता है। यानी बैटरी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा समय लेने लगती है। इससे वाहन की रेंज भी कम हो जाती है। जब बैटरी खराब होने लगती है तो कम चलाने पर भी बैटरी का चार्ज जल्दी जल्दी खत्म होने लग जाता है।