Green Tax: वाहन स्वामियों का सड़क पर सफर करना होगा अब महंगा
Green Tax: अभी तक वाहनों पर दस प्रतिशत ग्रीन टैक्स लगाया जा रहा था जो अब बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। परिवहन विभाग की तरफ से शासन को जो प्रस्ताव भेजे गए हैं।
Green Tax: यदि आप यूपी में हैं और कार का शौक रखते हैं तो अब आपका यह शौक महंगा पड़ने वाला है क्योंकि प्रदेश सरकार जल्द ही ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी में है। यह एक तरह से नया टैक्स है। इसका विभाग ने शासन के पास संस्तुति के लिए भेज दिया है। इसके अलावा रोड सेफ्टी टैक्स भी लगाया जाएगा।
ग्रीन टैक्स में इतना हुआ इज़ाफ़ा
अभी तक वाहनों पर दस प्रतिशत ग्रीन टैक्स लगाया जा रहा था जो अब बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। परिवहन विभाग की तरफ से शासन को जो प्रस्ताव भेजे गए हैं। उन पर मुहर लगना लगभग तय है। ऐसा होगा तो फिर दो तरह के अतिरिक्त टैक्स वाहन मालिकों को मजबूरन चुकाने ही होंगे। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर विभाग की तरफ से कार्रवाई होगी।
रोड सेफ्टी सेस भी लगाने की तैयारी
इसके अलावा पहली बार कई राज्यों की तरह परिवहन विभाग रोड सेफ्टी सेस भी लगाने की तैयारी कर चुका है। इस पर भी शासन जल्द मुहर लगाएगा। छोटे वाहनों पर एक फीसद तो बड़े वाहनों पर दो फीसदी रोड सेफ्टी सेस वसूलने की तैयारी है। इस बारे में परिवहन विभाग का दावा है कि रोड सेफ्टी सेस वसूलने के पीछे वाहनों के बढ़ते दबाव को रोकना है क्योंकि इससे सड़कों का अधिक नुकसान होता है। अब इसी रोड सेफ्टी टैक्स से टूटी हुई सड़कों को को दुरूस्त कराया जाता रहेगा।
जिससे वाहन मालिकों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी। बतातें चलें कि केन्द्र सरकार पहले ही वाहनों को लेकर कई नियम बना चुकी है। इसी के तहत अब प्रदेशों को इसका अनुपालन करना है। वाहन स्वामियों को दोबारा यानी फिर से रजिस्टेशन कराने के लिए पहले की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा ग्रीन टैक्स जमा करना पड़ेगा तो पहली बार उन्हें रोड सेफ्टी सेस भी चुकाना होगा। यह अतिरिक्त भार वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग डालने की तैयारी कर चुका है।
ये है ग्रीन टैक्स की वैधता के नियम
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार ग्रीन टैक्स की वैधता 5 साल ही रहती है। अगर किसी वाहन का एक बार पंजीयन होने के बाद दोबारा पंजीयन होता है तो एकमुश्त टैक्स का 25 प्रतिशत देना होगा। पेट्रोल चलित वाहनों का दोबारा पंजीयन 5 साल के लिए वैध होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आपने 2015 में वाहन खरीदा और उसके पंजीयन पर एक लाख रुपए का टैक्स दिया तो 15 साल बाद 2030 में दोबारा पंजीयन कराना होगा और गाड़ी के मालिक को 25 हजार रुपए का ग्रीन टैक्स देना होगा। यह टैक्स भी अगले 5 साल तक के लिए ही वैध होगा। इसके बाद वाहन का फिर से पंजीयन कराना होगा तो साल 2035 फिर से 25 हजार रुपये ग्रीन टैक्स के तौर पर चुकाने होंगे।
छोटे और भारी वाहनों पर बढ़ा टैक्स का भार
यूपी परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, रोड सेफ्टी सेस का आकलन वाहन की कीमत के आधार पर होगा। छोटे वाहनों पर एक फीसदी तो भारी वाहनों पर दो फीसदी टैक्स वसूलने की योजना है। मान लिया अगर किसी कार की कीमत 15 लाख रुपए है तो रोड सेफ्टी सेस के रूप में 15000 रुपए चुकाने पड़ेंगे। यदि किसी भारी वाहन की कीमत 40 लाख है तो एक फीसदी की वसूली पर 40 हजार रुपए और दो फीसदी की वसूली पर 80 हजार रुपए चुकाने होंगे।
अब पुराने वाहन की आयु पूरी होने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा महंगा
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे वाहन मालिक जिनके पास पुराना वाहन है और आयु पूरी होने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जेब अब और भी ज्यादा हल्की करनी पड़ सकती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सडकों पर अधिक लोड है। अभी तक जो ग्रीन टैक्स सिर्फ 10ः वसूला जाता था अब उसे 25ः तक वसूलने की तैयारी है, यानी सीधे तौर पर वाहन स्वामियों को 15 प्रतिशत अतिरिक्त ग्रीन टैक्स चुकाना पड़ेगा। ग्रीन टैक्स तब वसूला जाता है। जब वाहन की तय समय सीमा पूरी हो चुकी होती है और फिर रजिस्ट्रेशन होता है। उदाहरण के तौर पर किसी नए वाहन पर पंजीयन करते समय एक लाख हजार रुपए टैक्स बना है तो उसे अब तक ग्रीन टैक्स के रूप में 10 हजार रुपए चुकाने होते थे। लेकिन अब उसे 25 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।