Air India-Air Asia Agreement: एयर इंडिया के टिकट से अब एयर एशिया की फ्लाइट में कर सकेंगे सफर, टाटा संस ने किया बड़ा समझौता

इस समझौते के तहत अब एक एयरलाइन का टिकट लेकर यात्री दूसरी एयरलाइन की सेवा ले सकता है। मतलब, एक एयरलाइन की टिकट लेकर आप दूसरे की फ्लाइट में यात्रा कर सकेंगे।

Newstrack :  Network
Published By :  aman
Update: 2022-02-12 08:28 GMT

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Air India-Air Asia Agreement : एयर इंडिया (Air India) की कमान अब टाटा संस (Tata Sons) के हाथों आ चुकी है। जिसके बाद एयर इंडिया लगातार पेशेवर फैसले ले रही है। अब एयर इंडिया का पूरा ध्यान यात्रियों (Passengers) को बेहतर सुविधा देने की ओर है। यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। इसी के तहत एक अहम कदम उठाते हुए एयर इंडिया और एयर एशिया में बड़ा करार (Air India-Air Asia Signed An Agreement) हुआ है।

इस समझौते के तहत अब एक एयरलाइन का टिकट लेकर यात्री दूसरी एयरलाइन की सेवा ले सकता है। मतलब, एक एयरलाइन की टिकट लेकर आप दूसरे की फ्लाइट में यात्रा कर सकेंगे।

ये है करार और उसका मकसद  

गौरतलब है, कि एयर इंडिया (Air India) और एयर एशिया (Air asia) के बीच एक करार हुआ है। जिसके तहत परिचालन (Operational) में किसी भी प्रकार की दिक्कत आने की स्थिति में दोनों ही एयरलाइन एक-दूसरे के यात्रियों को यात्रा करवा सकेंगी। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि यह करार इसलिए किया गया है ताकि किसी एक एयरलाइन की फ्लाइट में अगर कोई बाधा उत्पन्न हो जाती है तो उसके यात्रियों को अधिक असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके तहत जिस एयरलाइन की फ्लाइट पहले उपलब्ध होगी, यात्री एक टिकट के जरिए ही उसमें यात्रा कर सकेंगे।

साल 2024 तक लागू रहेगी व्यवस्था

इस समझौते के तहत इस व्यवस्था को दो वर्षों तक यानी साल साल 2024 तक प्रभावी रखा गया है। इस संबंध में एक रिपोर्ट भी जारी की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है, कि दोनों एयरलाइन के बीच हुए करार के तहत यह व्यवस्था 10 फरवरी 2022 से फरवरी 2024 तक लागू रहेगी। यहां यात्रियों को जानना जरूरी है कि यह व्यवस्था केवल घरेलू उड़ानों के लिए ही लागू है।

एयर इंडिया और एयर एशिया दोनों ही एयरलाइंस ने एक समझौते के माध्यम से IROPs व्यवस्था को अपनाया है। इसके तहत किसी एक के परिचालन के बाधित रहने के मामले में यात्रियों को दूसरी एयरलाइन की उड़ानों में स्थानांतरित (Transfer) करने की अनुमति प्रदान करती है। इस करार से यात्रियों को कई असुविधाओं से मुक्ति मिलेगी। 

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