रविशंकर प्रसाद कल बेंगलुरू में ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी उत्कृष्टता केन्द्र’ का उद्धाटन करेंगे
नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने बेंगलुरू, कर्नाटक में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य सेवा के रूप में ब्लॉकचेन प्रदान करना और सभी साझेदारों को साझा जानकारी, अनुभवों और संसाधनों से लाभ लेने की अनुमति देना है। केन्द्रीय विधि और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद कल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होंगे।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी उत्कृष्टता केन्द्र
एनआईसी एक प्रमुख प्रौद्योगिकी सलाहकार और सभी स्तरों पर सरकार के लिए समाधान प्रदाता है। उसने सरकार में नवीनतम प्रौद्योगिकियां और सेवाएं शुरू करने में हमेशा पहला कदम उठाया है, चाहे सरकार में आईसीटी की शुरुआत हो, एनआईसीएनईटी की स्थापना हो अथवा राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन), महत्वपूर्ण ई-शासन समाधान का विकास और सरकार की जरूरत वाली अन्य अनेक सेवाएं हों।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी नई और आला टेक्नोलॉजी है और स्वास्थ्य, वित्त, कृषि तथा विभिन्न अन्य क्षेत्रों में इसे अपनाने से सरकार को विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी।
उत्कृष्टता केन्द्र ने इस उभरती हुई प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किए गए संभावित लाभों को समझने के लिए कुछ चुनिंदा सरकारी इस्तेमाल के मामलों के लिए ब्लॉकचेन आधारित प्रूफ ऑफ कंसेप्ट विकसित किया है। सरकार में नई और इससे पहले नहीं देखी गई ब्लॉकचेन एप्लिकेशन्स से पारदर्शिता, पता लगाने योग्य और ई-शासन प्रणाली में विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।
उत्कृष्टता केन्द्र शासन के विभिन्न आयामों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए प्रूफ ऑफ कंसेप्ट तैयार करने में सरकारी विभागों की मदद करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर इस तरह के एप्लिकेशन लगाए जा सकेंगे।
क्या है ये ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
दुनियाभर में आजकल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की चर्चा हो रही है। हर बड़े आर्थिक मंच से इसकी चर्चा सुनने को मिलती है। आम लोगों के लिए ये एक अजनबी विषय हो सकता है लेकिन आने वाले समय में इसका सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर ही पड़ेगा। आपने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉयन (Bitcoin) के बारे में तो सुना ही होगा। ये पिछले 2 साल से दुनिया भर के निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल ब्लॉकचेन, बिटकॉयन में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी है, लेकिन यह क्रिप्टोकरंसियों से अलग है। एक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सिस्टम का निर्माण करने में कई तरह से इसका इस्तेमाल होता है। भारत की भी इस टेक्नोलॉजी पर नजर है। वैसे बिटकॉयन फिलहाल सरकार द्वारा निषेध किये जाने के बाद से भारत में विधिक नहीं है, लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कई तरह के फायदे संभव हैं, जैसे: बैंकों का खर्च घट सकता है, ऑनलाइन फ्रॉड में कमी लाई जा सकती है, बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाई जा सकती है, डेटा सिक्योरिटी में बढ़ोतरी लाई जा सकती है तथा और भी बहुत कुछ किया जा सकता है।