बदला चेक भुगतान नियम: सितंबर से होगा सभी बैंकों में लागू, हो जाएं अलर्ट
इस प्रणाली के तहत चेक को क्लीयर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक ले जाने के बजाय इसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजी जाती है, जिससे काम और आसान हो जाता है।
नई दिल्ली: चेक इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। आज आरबीआई ने कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम में बदलाव हो रहा है जो सितंबर 2021 तक देश के सभी बैंकों की शाखाओं में चालू हो जाएगा। वर्तमान में सीटीएस (CTS) देश के प्रमुख क्लीयरिंगहाउस में चालू है। बजट 2021 के बाद पहली बार मॉनेटेरी पॉलिसी बैठक की घोषणाएं करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, लगभग 18,000 बैंक अभी भी चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत नहीं हैं। इस प्रक्रिया के तहत, चेक जारीकर्ता क्लियरिंग के लिए प्रस्तुत किए गए चेक से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक विवरण प्रस्तुत करता है।
सीटीएस क्या है
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लीयर करने की एक प्रक्रिया है। इसमें जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है। अगर आप सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम वाले चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका काम जल्दी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके चेक को क्लीयर होने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक नहीं जाना होगा।
इस प्रणाली के तहत चेक को क्लीयर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक ले जाने के बजाय इसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजी जाती है, जिससे काम और आसान हो जाता है। इसके साथ ही अन्य जरूरी जानकारी जैसे एमआईसीआर बैंड, आदि भी भेजी जाती है। इसके माध्यम से समय की भी बचत होती है।
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सीटीएस के कई फायदे
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है। सीटीएस के तहत एक बैंक से चेक संबंधित दूसरे बैंक को चेक वास्तविक रूप से भेजने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से उसकी तस्वीर भेजी जाती है।
चेक के एक जगह से दूसरी जगह फिजिकल फॉर्म में न जाने के चलते लागत घटती है और चेक कलेक्शन में लगने वाला वक्त भी कम हो जाता है।चेक की इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजे जाने से इसके अलावा चेक एक जगह से दूसरी जगह फिजिकली भेजे जाने पर उसके गुम होने या डैमेज होने का खतरा रहता, लेकिन सीटीएस में ऐसा कोई झंझट नहीं है। धोखाधड़ी से बचने के लिए हेल्पलाइन स्थापित करेगा केंद्रीय बैंक
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2010 में लाया गया था सीटीएस
बता दें कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम भारत में सबसे पहले साल 2010 में लाया गया था। सीटीएस फिलहाल कुछ बड़े शहरों में ही काम कर रहा है। इसे देखते हुए पूरे देश में सीटीएस प्रणाली सितंबर 2020 से लागू की जाएगी।बता दें कि केंद्रीय बैंक ने चेक आधारित लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया है। यह नया नियम 1 जनवरी, 2021 से लागू हुआ है।यह सिस्टम 50,000 या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा।
आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 फीसदी पर बरकरार रखा। रिवर्स रेपो दर 3.35 फीसदी पर ही रखी गयी। रेपो वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है।