FEMA Violation: ED ने Xiaomi India के CFO और पूर्व MD को भेजा नोटिस, बैंक अकाउंट में मिले 5,551 Cr. रुपए जब्त
FEMA Violation: ईडी ने Xiaomi India सीएफओ समीर राव, पूर्व एमडी मनु जैन सहित 3 बैंकों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के 5,551 करोड़ रुपए के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
FEMA Violation: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया (Xiaomi Technology India), सीएफओ समीर राव, पूर्व एमडी मनु (MD Manu Jain) जैन समेत तीन बैंकों को 5,551 करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन (FEMA Violation) मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ED ने अपनी जांच में पाया है कि शाओमी इंडिया ने वर्ष 2014 में भारत में काम करना शुरू किया था। ये चीन की प्रमुख मोबाइल हैंडसेट शाओमी के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी है। शाओमी इंडिया (Xiaomi India) ने साल 2015 से अपनी पेरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया। बता दें, कंपनी ने विदेशी कंपनियों को कुल 5,551.27 करोड़ रुपए भेज चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि फेमा की धारा- 10(4) और 10(5) के उल्लंघन मामले में सिटी बैंक (CITI Bank), एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) और ड्यूश बैंक एजी (Deutsche Bank AG) को भी नोटिस भेजे गए हैं। विदेशों में रॉयल्टी के रूप में विदेशी प्रेषण की अनुमति देकर कंपनी से बिना उचित जांच-पड़ताल किए समझौता किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ED ने एक बयान में कहा है कि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत न्यायिक प्राधिकरण ने Xiaomi Technology India Private Limited, सिटी बैंक, HSBC Bank और Deutsche Bank AG के दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया है। संघीय जांच एजेंसी ने 5,551.27 रुपए जब्त किए। जांच एजेंसी ने कहा, 'पैसा चीनी स्मार्टफोन कंपनी के बैंक खातों में था। फरवरी में कथित 'अवैध बाहरी प्रेषण' के संबंध में जब्त किया गया था।
अथॉरिटी ने जब्ती की पुष्टि की
जांच एजेंसी ने ये भी कहा कि, FEMA की धारा- 37ए के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी ने इस जब्ती आदेश की पुष्टि की है। अथॉरिटी ने जब्ती की पुष्टि करते हुए कहा कि, 'प्रवर्तन निदेशालय (ED) का ये मानना सही है कि 5,551 करोड़ रुपए के बराबर विदेशी मुद्रा को शाओमी इंडिया की तरफ से अनऑथराइज्ड तरीके से देश के बाहर भेजा गया। जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि, फेमा 1999 की धारा 4 और फेमा की धारा- 37ए के प्रावधानों के अनुसार इसे जब्त किया जा सकता है।