Economic Growth: वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज को भारत में दिखी विकास, बढ़ाया GDP वृद्धि का अनुमान

Economic Growth: कई अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक विकास पर मुद्रास्फीति और अनियमित मौसम के समग्र प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि कम से कम 2023 के अंत तक मजबूत रहेगी।

Update:2023-09-01 12:02 IST
Economic Growth (सोशल मीडिया)

Economic Growth: वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने शुक्रवार को 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बड़ा बदलाव किया है। पहले मूडीज ने भारत की विकास ग्रोथ पर गिरावट के अनुमान लगाया था , लेकिन अब इसको बढ़ा दिया है। मूडीज ने वित्त वर्ष 2023 में भारत की आर्थिक विकास वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। इससे पहले एजेंसी ने यह अनुमान 5.5 फीसदी लगाया था। हालांकि इसने भारत के 2024 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि इस साल दूसरी तिमाही के बेहतर प्रदर्शन ने एक उच्च आधार तैयार किया है।

वैश्विक रेटिंग एजेंसीन ने यह पूर्व अनुमान शुक्रवार को जारी किया है। एक नोट में मूडीज ने कहा, मजबूत सेवाओं के विस्तार और पूंजीगत व्यय ने एक साल पहले की दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को 7.8 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। हमने तदनुसार भारत के लिए अपने 2023 कैलेंडर वर्ष के विकास पूर्वानुमान को 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।

2024 के विकास अनुमान को कम करने पर मूडीज ने कहा, चूंकि दूसरी तिमाही का बेहतर प्रदर्शन 2023 में उच्च आधार बनाता है, इसलिए हमने अपने 2024 के विकास अनुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। मजबूत अंतर्निहित आर्थिक गति को देखते हुए एजेंसी भारत के आर्थिक विकास प्रदर्शन के लिए और अधिक जोखिम को भी पहचानती है।

इन वजहों से बढ़ेंगे खाद्य पदार्थों के दाम

मूडीज ने कहा कि जून से अक्टूबर तक चलने वाले भारत के मानसून सीजन में भी औसत से कम बारिश हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं। अब तक, 29 अगस्त तक, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देश भर में 9 प्रतिशत बारिश की कमी का अनुमान लगाया है। यदि इस वर्ष अल नीनो 2023 की दूसरी छमाही और 2024 की शुरुआत में विशेष रूप से मजबूत साबित होता है, तो कृषि वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं ।

अभी नहीं मिलेगी मौद्रिक नीति में ढील

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस महीने तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। मूडीज ने कहा कि खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में हालिया बढ़ोतरी और अनिश्चित अल नीनो-संबंधित मौसम की स्थिति के कारण अगले साल की शुरुआत में मौद्रिक नीति में ढील पर विचार में देरी होगी। एजेंसी ने आगे कहा कि भारत में घरेलू मांग में तेजी बनी हुई है और जब तक मुख्य मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत स्थिर रहेगी, दरों में बढ़ोतरी की भी संभावना नहीं है।

भारत की बढ़ी जीडीपी

वहीं, 31 अगस्त को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही थी। हालांकि यह संख्या पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि से कम है, भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर गति से बढ़ रही है और आगामी त्योहारी सीजन के दौरान इसमें और सुधार होने की संभावना है।

अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक विकास पर इस बात की चिंता

हालांकि कई अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक विकास पर मुद्रास्फीति और अनियमित मौसम के समग्र प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। भारत के विनिर्माण, सेवाओं और निर्यात क्षेत्रों में मजबूत कर संग्रह के अलावा मजबूत वृद्धि देखी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि कम से कम 2023 के अंत तक मजबूत रहेगी।

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