India-China: चीन को तगड़ा झटका देने की तैयारी में भारत, ड्रैगन की हालत होगी खराब
India-China: भारत और चीन के बीच काफी लंबे समय से तनातनी चल रही है। अब इस बीच चीन को भारत को तगड़ा झटका दे सकता है।
India-China: भारत और चीन के बीच काफी लंबे समय से तनातनी चल रही है। अब इस बीच चीन को भारत को तगड़ा झटका दे सकता है। केंद्र सरकार ने भारतीय कार निर्माता कंपनियों (Indian Auto Makers) से चीन से इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट्स (Electric Vehicle Components) और अन्य ऑटोमोटिव पार्ट्स (Automotive Parts) के आयात निर्भरता को समाप्त करने को कहा है।
नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल और कलपुर्जा उद्योग (Automobile & Component Industry) को वाहनों के विभिन्न हिस्सों के लिए चीन पर आयात (Chinese Import) के निर्भरता को खत्म करने और स्थानीयकरण (Localization) पर ध्यान देने को कहा। अमिताभ कांत भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (ACMA) के 61वें सालाना सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि फेम-2 स्कीम के तहत चयनित नौ शहरों में 100 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें होने के बाद इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को भी प्रोत्साहन देने पर विचार होगा। अभिकांत ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में फिर से संतुलन बनाने, निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन व प्रौद्योगिकी व्यवधानों से ऑटोमोटिव मूल्य श्रृंखला के सभी स्तरों पर नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि यह बहुत अहम है कि उद्योग सहभागियों के सामने रास्ता बिल्कुल साफ हो और उद्योग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का नजरिया एकदम साफ है और अब स्थानीयकरण को बढ़ावा देना ही पड़ेगा।
नीति आयोग के सीईओ ने कंपनियों से कहा कि आयात पर निर्भरता को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि मैं चीन से आयात को कम करूंगा। कुछ कंपोनेंट को भारत में तैयार करना चाहिए जिनको लागत प्रतिस्पर्धा और विकास क्षमताओं की वजह से चीन से आयात करना पड़ रहा है। उन्होंने ऑटोमाबाइल व वाहन कलपुर्जा कंपनियों को यह भी जानकारी दी कि बीएस-6 उत्सर्जन नियमों को पूरा करने के लिए जरूरी कुछ सामानों का चीन से आयात किया जाता है।