India Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार, 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा

India Forex Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक डेटा के मुताबिक, अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार ने 645 बिलियन डॉलर का उच्च स्तर बनाया था। लंबे समय बाद विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा दर्ज किया जा रहा है।

Update:2023-07-21 19:37 IST
India Forex Reserves (Social Media)

India Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार (21 जुलाई) को देता जारी कर ये जानकारी दी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार जाने में कामयाब रहा। RBI के अनुसार, 14 जुलाई को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 12.74 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 609 अरब डॉलर पर जा पहुंचा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 7 जुलाई, 2023 को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.23 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला था। 30 जून, 2023 को खत्म हुए सप्ताह पर विदेशी मुद्रा भंडार 1.85 बिलियन डॉलर रहा था। लेकिन, इस बार 15 महीने के उच्च स्तर पर जा पहुंचा।

विदेशी मुद्रा भंडार में 12.74 बिलियन डॉलर का इजाफा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 21 जुलाई को विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा डेटा जारी किए। आरबीआई आंकड़ों की मानें तो 14 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह पर विदेशी मुद्रा भंडार 12.74 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 609.022 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा। आरबीआई डेटा के मुताबिक, विदेशी करेंसी एसेट्स 11.198 बिलियन डॉलर के उछाल के साथ 540.16 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है।

अक्टूबर 2021 में था सबसे ऊंचे स्तर पर

RBI द्वारा जारी डेटा के अनुसार, सोना रिजर्व (Gold Reserves) में भी 1.13 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। गोल्ड रिजर्व 1,137 मिलियन डॉलर की उछाल के साथ 45.19 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है। विशेष आहरण अधिकार (SDR) 18.48 बिलियन डॉलर रहा। RBI की मानें तो अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास मौजूद रिजर्व में 158 मिलियन डॉलर की तेजी आई है। ये बढ़कर 5.17 बिलियन डॉलर रहा। आपको बता दें, भारत का विदेशी मुद्रा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर अक्टूबर 2021 में पहुंचा था। तब विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर तक चला गया था।

विदेशी मुद्रा भंडार क्यों गया नीचे?

मगर, अक्टूबर 2021 के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नीचे आने लगा। इसकी मुख्य वजह रूस-यूक्रेन युद्ध को माना गया। क्योंकि, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद कमोडिटी की कीमतों में तेजी की वजह से डॉलर रिजर्व (Dollar Reserve) में कमी देखने को मिली। भारत को ऊंची कीमत पर कच्चा तेल आयात (Crude Oil Import) करना पड़ रहा था। इसके साथ रुपए में कमजोरी को थामने के लिए RBI को डॉलर बेचना पड़ा था। 21 जुलाई को ट्रेड में एक डॉलर के मुकाबले रुपए में मामूली मजबूती देखने को मिली। आज एक डॉलर के मुकाबले रुपया 81.95 पर बंद हुआ था। इसके पहले यह 81.99 के स्तर पर बंद हुआ था।

Tags:    

Similar News