RBI MPC Meeting 2024: CRR रेट घटा कर आरबीआई ने दिया बैंकों को तोहफा

RBI MPC Meeting 2024: शुक्रवार सुबह 10 बजे नतीजे घोषित करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्‍त दास कहा कि इस बार भी ब्‍याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट फिलहाल 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रहेगा।;

Report :  Network
Update:2024-12-06 10:28 IST

RBI (Pic: Social Media)

RBI MPC Meeting 2024: अभी आपके होम लोन, ऑटो लोन समेत तमाम तरह के कर्ज फिलहाल सस्‍ते नहीं होंगे वाले हैं क्योंकि आरबीआइ्र्र ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। शुक्रवार को आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजे आ गए हैं। शुक्रवार सुबह 10 बजे नतीजे घोषित करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्‍त दास कहा कि इस बार भी ब्‍याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट फिलहाल 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रहेगा। एमपीसी के 6 में से 4 सदस्‍य ब्‍याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं थे। मतलब साफ है कि अभी आपके होम लोन, ऑटो लोन समेत तमाम तरह के कर्ज भी फिलहाल सस्‍ते नहीं होंगे। 

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों का एक बड़ा तोहफा दिया है। मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिये गए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह फैसला महंगाई को काबू में लाने के लिए लिया गया है। हालांकि रेपो रेट कोई बदलाव नहीं करने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक और बड़ा ऐलान किया। उन्‍होंने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है।

CRR रेट घटाने से बैंकों को बड़ी राहत

CRR के घटाने के फैसले से बैंकों को एक बड़ी राहत मिली है। इससे बैंकों के पास कैश फ्लो की कमी नहीं होगी। पिछले कुछ समय से कहा जा रहा था कि बैंक कैश की समस्या से जूझ रहे है, लेकिन अब आरबीआई की ओर से लिए गए इस फैसले से बैंकों में लिक्विडिटी की समस्या से दूर होगी। इससे पहले अक्टूबर 2022 में सीआरआर में बदलाव किया गया था। यानी ठीक 24 महीने के बाद बदलाव किया गया है। वहीं सीआरआर अब सीआरआर में बदलाव से सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त आएगा। बता दें कि सीआरआर में कटौती आरबीआई की आसान मुद्रा नीति का एक हिस्सा है और जब वह बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ाना चाहता है और ऋण को बढ़ावा देना चाहता है तो वह सीआरआर में कटौती करता है। सीआरआर में कटौती बैंकों के लिए भी लाभदायक है, क्योंकि वे अब अपनी निष्क्रिय गैर-आय वाली जमाराशियों को आय-अर्जित करने वाली परिसंपत्तियों में बदल सकते हैं।

आखिरी बार फरवरी 2023 में हुई थी कटौती

बता दें कि आरबीआई ने आखिरी बार ब्याज दरों में कटौती फरवरी 2023 में किया था। उस समय दरें 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की गई थीं। तब से ये दरें जस का तस बनी हुई हैं। यह गवर्नर शक्तिकान्‍त दास के मौजूदा कार्यकाल की आखिरी एमपीसी बैठक थी। वे 10 दिसंबर 2024 को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। 

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