E-RUPI Voucher: जानें क्या है ई-रुपी वाउचर...जिसका आबीआई ने दायरा बढ़ाने की घोषणा, इतनी लिमिट तक कर सकेंगे लेन-देन

E-RUPI Voucher: ई-रुपी वाउचर प्री-पेड डिजिटल उपकरण हैं, जो लाभार्थी को एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में फोन पर प्राप्त होते हैं। इसको केंद्रीय बैंक ने अगस्त 2021 में लॉन्च किया था।

Update: 2023-06-08 10:30 GMT
 E-RUPI Voucher: (सोशल मीडिया)

E-RUPI Voucher: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को कहा कि वह हर व्यक्ति तक ई-रुपी वाउचर जारी करने में सक्षम होगा। केंद्रीय बैंक ने ई-रुपी वाउचर के दायरा बढ़ाने का ऐलान किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ई-रूपी डिजिटल वाउचर के लाभों को उपयोगकर्ताओं के व्यापक समूह तक पहुँचाएगा। इससे देश में डिजिटल भुगतान और बड़ा होने के साथ गहरा होगा। आरबीआई की ओर से ई-रूपी (e-RUPI) का दायरा बढ़ाने की घोषणा पर के बाद अब लोगों को मन में सवाल उठाना शुरू हो गया है कि अभी तक डिजिटल मुद्रा सुनी है, लेकिन अब यह ई-रूपी वाउचर क्या है? आइये जानते हैं कि इस लेख में ई-रूपी वाउचर के बारे में…।

ई-रूपी पर केद्रीय बैंक का बयान

सबसे पहले ई-रूपी (e-RUPI) पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का बयान जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है? दास ने कहा कि ई-रूपी की जारी करने की प्रक्रिया, मोचन और मौजूदा ढांचे के कुछ पहलुओं को सरल बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। अभी तक ई-रुपी (e-RUPI) प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा 1 लाख रुपये है। इसका दायर बढ़ने से उपयोग करने वाले लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा।

2021 में किया गया लॉन्च

दअसल, ई-रुपी वाउचर प्री-पेड डिजिटल उपकरण हैं, जो लाभार्थी को एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में फोन पर प्राप्त होते हैं। इसको केंद्रीय बैंक ने अगस्त 2021 में लॉन्च किया था। केंद्रीय बैंक e-RUPI को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम पर चलती है।

इससे जुड़े हैं 11 बैंक

केंद्रीय बैंक ने अब तब एनपीसीआई के साथ साझेदारी में 11 बैंकों द्वारा उद्देश्य-विशिष्ट ई-रुपी वाउचर जारी किए गए हैं। जिन बैंकों को ई-रूपी वाउचर जारी किये गए हैं, जिनमें एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

उपयोग सुविधा होंगी संशोधित

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से और कॉर्पोरेट्स की ओर से एक सीमित सीमा के लिए उद्देश्य-विशिष्ट वाउचर बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं। उपयोगकर्ताओं और लाभार्थियों के लिए समान रूप से लाभ को ध्यान में रखते हुए ई-रूपी वाउचर के दायरे और पहुंच का विस्तार करने का प्रस्ताव है। दास ने कहा कि वाउचर को फिर से लोड करने, प्रमाणीकरण प्रक्रिया व जारी करने की सीमा आदि जैसे अन्य पहलुओं की उपयोग सुविधा को संसोधित किया जाएगा। इसके लिए जल्द अगल से निर्देश जारी किये जाएंगे।

ई-रूपी के बारे में कुछ रोचक जानकारी

  • ई-रूपी डिजिटल मुद्रा से अलग है, जिस पर आरबीआई ने विचार किया है।
  • यह प्री-पेड वाउचर के रूप में होता है, जिसे इसे स्वीकार करने वाले केंद्रों पर भुनाया जा सकता है।
  • यह एक बार का संपर्क रहित, कैशलेस वाउचर-आधारित भुगतान का तरीका है, जिसका उपयोग लाभार्थियों द्वारा कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • इसके लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है।
  • ई-रुपी का बेसिक फोन पर भी उपयोग कर सकते हैं।

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