RBI MPC Meeting: 2024 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान, तिमाहियों में ऐसी रहेगी विकास दर की चाल

RBI MPC Meeting: इससे पहले अप्रैल में दास ने पिछली नीतिगत घोषणाओं में वित्त वर्ष 24 के लिए जीडीपी Q1 की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत, Q2 की 6.4 प्रतिशत, Q3 की 6.1 प्रतिशत और Q4 की 5.9 प्रतिशत का अनुमान लगया था। वहीं, आरबीआई ने FY24 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।

Viren Singh
Published on: 8 Jun 2023 7:27 AM GMT
RBI MPC Meeting: 2024 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान, तिमाहियों में ऐसी रहेगी विकास दर की चाल
X
RBI MPC Meeting (सोशल मीडिया)

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष-2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पहले पिछली एमपीसी की बैठक में भी दास ने FY24 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसदी आंकी थी।

जानें पूरे साल कैसी रहेगी जीडीपी की चाल

गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक की फैसलों की घोषणाएं की। यह द्विमासिक एमपीसी 6 जून से शुरू हुई थी, जो 8 जून तक चली। इस दौरान गवर्नर दास ने कहा कि FY24 की पहली तिमाही में जीपीडी 8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। इससे पहले अप्रैल में दास ने पिछली नीतिगत घोषणाओं में वित्त वर्ष 24 के लिए जीडीपी Q1 की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत, Q2 की 6.4 प्रतिशत, Q3 की 6.1 प्रतिशत और Q4 की 5.9 प्रतिशत का अनुमान लगया था।

विश्व बैंक ने FY24 में विकास दर का लगाया था यह अनुमान

जीडीपी विकास अनुमानों को अपरिवर्तित रखा गया था। भले ही विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 24 के लिए 6.6 प्रतिशत के पिछले अनुमानों से भारत के विकास दर के अनुमान को घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया था, जबकि 2023 के वैश्विक पूर्वानुमान को बढ़ा दिया था।

इन वजहों से पड़ेगा विकास में असर

इस मौके पर शक्तिकांत दास ने कहा कि मजबूत पूंजीगत व्यय से निवेश और विनिर्माण गतिविधि का पोषण होने की उम्मीद है। उपभोक्ता और व्यापार दृष्टिकोण सर्वेक्षण निरंतर आशावाद प्रदर्शित करते हैं। दास ने आगे कहा कि कमजोर बाहरी मांग, वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव, दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव और अल नीनो प्रभाव की तीव्रता के विपरीत विकास के संबंध में यह नकारात्मक जोखिम पैदा कर रहे हैं। आपको बता दें कि हाल में देश की जीडीपी के आंकड़ें जारी की गई थे। वित्त वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो कि पहले के 7 प्रतिशत के अनुमान से अधिक मजबूत है।

कुल 2.5 फीसदी बढ़ा रेपो रेट

गुरुवार को आरबीआई ने दूसरी बार नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसको 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। पिछले साल मई से लेकर फरवरी, 20223 तक लगातार वृद्धि के बाद केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में नीतिगत घोषणाओं में रेपो रेट को यथावत रखा था, जिसके बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी पर था। मई,2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक आरबीआई ने रेपो रेट दरों में कुल 2.5 फीसदी की वृद्धि की थी। इस इजाफे के बाद से यह 6.5 फीसदी हो गया था। तब से रेपो रेट लगातार इस दर पर बना हुआ है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने FY24 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।

Viren Singh

Viren Singh

Next Story