RBI Rules Debit Credit Card: 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे डेबिट –क्रेडिट कार्ड से भुगतान के नियम, जानें क्या है RBI Tokenisation
RBI Change Rules Debit Credit Card: बैंकिंग सेक्टर में साइबर फ्रॉड से निजात दिलाने के लिए रिजर्व बैंक 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम लागू करने जा रही है।
RBI Change Rules Debit Credit Card: बैंकिंग सेक्टर में साइबर फ्रॉड (cyber fraud in banking sector) की बढ़ रही घटनाएं परेशानी का सबब बन चुकी है। बैंको के तमाम सुरक्षा इंतजाम के बावजूद ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे में देश की सुप्रीम बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। आरबीआई का मकसद भुगतान को अधिक से अधिक सुरक्षित करने के साथ –साथ लोगों की बैंक डिटेल्स की जानकारी कंपनियों के पास कम से कम स्टोर करने की है। डिजिटल भुगतान (digital payment) को बढ़ावा मिलने के बाद डेबिट –क्रेडिट कार्ड का चलन बढ़ा है। ऐसे में बड़ पैमाने पर इससे जुड़े फ्रॉड भी बढ़े हैं।
लोगों को इससे निजात दिलाने के लिए रिजर्व बैंक 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम लागू करने जा रही है। आरबीआई का दावा है कि इस नियम के अमल में आने के बाद डेबिट – क्रेडिट कार्ड से भुगतान पहले की तुलना में और अधिक सुरक्षित हो जाएंगे। पहले ये नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाला था, फिर इसकी तारीख आगे खिसका कर 30 जून 2022 कर दी गई थी। उसके बाद सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था। रिजर्व बैंक के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैंक इससे आगे तारीख बढ़ाने के मूड में नहीं है।
क्या है नया नियम (what is the new rule)
नए नियम के तहत लेनदेन/भुगतान में कार्ड जारीकर्ता बैंक या कार्ड नेटवर्क के अलावा कोई भी वास्तिविक कार्ड डेटा का स्टोरेज नहीं कर सकेगा। भुगतान ट्रैकिंग या विवाद की दशा में संस्थाएं सीमित डेटा स्टोर कर सकती है। वास्तिविक कार्ड नंबर और कार्ड जारीकर्ता के नाम के आखिरी चार अंक तक को स्टोर करने की छूट होगी। अन्य जानकारी कोई भी स्टोर या दुकान संचालक नहीं रखेगा।
क्या है टोकनाइजेशन सिस्टम (What is tokenization system)
आरबीआई के टोकनाइजेशन सिस्टम (tokenization system) के तहत लोगों को भुगतान के लिए अपने कार्ड की पूरी डिटेल नहीं देनी होगी, बल्कि इसके लिए एक विशेष टोकन देना होगा। यह टोकन यूनिक होंगे और कई कार्ड के लिए एक ही टोकन से काम चल जाएगा। यह सिस्टम लागू हो जाने के बाद ऑनलाइन भुगतान के लिए सीधे कार्ड का इस्तेमाल न करके यूनिक टोकन को यूज करना होगा।
रिजर्व बैंक का मानना है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां लीक होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे फ्रॉड होने का रिस्क बढ़ जाता है। पेमेंट की नई व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद फ्रॉड के मामले कम होंगे।