RBI Repo Rate Hike: महंगाई रोकने की रिज़र्व बैंक की कोशिश, आइये जाने विस्तार से

RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने महंगाई का हवाला देते हुए प्रमुख बेंचमार्क नीति दर (रेपो रेट) को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2023-02-08 05:39 GMT

RBI Repo Rate Hike (Pic: Social Media) 

RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने महंगाई का हवाला देते हुए प्रमुख बेंचमार्क नीति दर (रेपो रेट) को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। यह छठी बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पिछले साल मई से ब्याज दर में बढ़ोतरी की गई है। बढ़ोतरी की कुल मात्रा 250 आधार अंक हो गई है।

मौद्रिक नीति

द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बहुमत से नीतिगत रेपो दर को 25 आधार अंकों तक बढ़ाने और मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण पर 'कड़ी निगरानी' रखने का फैसला किया है। दास ने कहा कि 6.5 प्रतिशत की नीतिगत दर अभी भी महामारी से पहले के स्तर से पीछे है। कोर मुद्रास्फीति आम तौर पर विनिर्मित वस्तुओं मंर मुद्रास्फीति को दिखाती है।

मुद्रास्फीति पर अगले साल ही उम्मीद

रिज़र्व बैंक गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में कम होगी लेकिन 4 प्रतिशत के स्तर से ऊपर रहेगी। आरबीआई को मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर रखने के लिए आदेशित किया गया है।

विकास दर

अगले वित्त वर्ष के लिए, आरबीआई ने 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। वित्त मंत्रालय के नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण में, 2023-24 के लिए विकास अनुमान 6-6.8 प्रतिशत था। दास के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष में औसतन 6.5 प्रतिशत और 2023-24 में 5.3 प्रतिशत पर आ जाएगी। दास ने कहा कि वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली मांग बनी हुई है।

ख़ास ख़ास बातें

- रिज़र्व बैंक गवर्नर ने कहा, दुनिया की अर्थव्यवस्था अब इतनी गंभीर नहीं दिखती, महंगाई कम हो रही है।

- अस्थिर वैश्विक विकास के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है।

- कमजोर वैश्विक मांग, मौजूदा आर्थिक माहौल घरेलू विकास पर दबाव डालेगा।

- कोर मुद्रास्फीति परेशान करने वाली बनी हुई है।

- भारतीय रिजर्व बैंक उभरती आर्थिक स्थिति पर कड़ी नजर रखेगा।

- चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर औसतन 5.6 फीसदी रहने की उम्मीद है।

- रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

- रिज़र्व बैंक ने 2022-23 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को 6.5 प्रतिशत पर रखा है जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए 5.3 प्रतिशत है।

- 25 बीपीएस की दर वृद्धि इस समय उचित मानी जाती है, मौद्रिक नीति चुस्त रहेगी, मुद्रास्फीति के प्रति सतर्क।

- सरकारी प्रतिभूति बाजार का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पूर्व-महामारी स्तर पर बहाल; आरबीआई जी-सेक उधार देने, उधार लेने की अनुमति देगा।

- भारतीय रुपया 2022 में और इस वर्ष अब तक अपने एशियाई समकक्षों के बीच सबसे कम अस्थिर रहा।

- 2022-23 की दूसरी छमाही में चालू खाते का घाटा कम होगा और यह प्रमुख रूप से प्रबंधनीय रहेगा।

- आरबीआई ने मर्चेंट भुगतान के लिए इनबाउंड यात्रियों को यूपीआई सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया; शुरुआत में G20 देशों के यात्रियों के लिए ये सुविधा रहेगी।

Tags:    

Similar News