Share Investors: हजारों करोड़ के शेयर भूले बैठे हैं निवेशक
Share Investors: भुला दिए गए शेयरों की कीमत कोई ऐसी-वैसी नहीं बल्कि हजारों करोड़ रुपये की है। ये बेचारे शेयर अपने सही मालिकों का इंतजार कर रहे हैं।
Share Investors: शेयर बाजार में क्या चल रहा है, कौन सा शेयर ऊपर जा रहा है कौन सा नीचे और कौन सा नया आने वाला है, बहुत से निवेशक यही जानने में लगे रहते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो शेयर खरीद कर उनके बारे में भूल जाते हैं। ऐसे भुला दिए गए शेयरों की कीमत कोई ऐसी-वैसी नहीं बल्कि हजारों करोड़ रुपये की है। ये बेचारे शेयर अपने सही मालिकों का इंतजार कर रहे हैं।
हजारों करोड़ का डिविडेंड
निवेशक शिक्षा संरक्षण कोष (आईईपीएफ) के अनुसार, पिछले साल नवंबर के अंत में दावा न किए गए लाभांश यानी डिविडेंड का मूल्य 5,685 करोड़ रुपये था। इसी तरह पिछले साल नवंबर के अंत तक लगभग 116.88 करोड़ अनक्लेम्ड शेयर थे। हालांकि लावारिस शेयरों के मूल्य के संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संरक्षण कोष में ऐसे शेयरों का मूल्य लगभग 50,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
बढ़ती ही जा रही संख्या
लावारिस शेयरों और लाभांश की संख्या लगातार बढ़ रही है। आईईपीएफ के अनुसार मार्च 2021 के अंत में लावारिस शेयरों की कुल संख्या 91.9 करोड़ थी, जो मार्च 2022 के अंत तक बढ़कर 105.6 करोड़ हो गई। इसी तरह, कुल दावारहित राशि मार्च 2021 के अंत में 4,816 करोड़ से बढ़कर मार्च 2022 के अंत में 5,262 करोड़ रुपये हो गई।
सात साल है टाइम लिमिट
कैसे यदि कोई शेयरधारक किसी भी कारण से लगातार सात वर्षों तक लाभांश का दावा नहीं करता है, तो शेयरों को लावारिस करार दिया जाता है और उन्हें निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण को ट्रान्सफर कर दिया जाता है। हर साल लावारिस लाभांश और शेयरों का एक नया सेट आईईपीएफ में ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
क्या है वजह
लावारिस शेयरों और लाभांश की संख्या में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। कई निवेशकों ने अपने शेयरों को भौतिक रूप से डीमैट रूप में नहीं बदला है और समय के साथ-साथ उनके शेयर सर्टिफिकेट खो गए हैं। कई मामलों में शेयरधारकों का निधन हो गया है और निवेशकों के कानूनी उत्तराधिकारी निवेश से अनजान हैं या किसी विरासत विवाद के कारण शेयरों को अपने नाम पर स्थानांतरित करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, जब निवेशक वर्षों से पते में बदलाव या विदेश में बसने के कारण अपनी पते को अपडेट नहीं करते हैं, तो वे कोई भी लाभांश चेक, चिट्ठी और सर्टिफिकेट प्राप्त करना बंद कर देते हैं। अगर डीमैट खाते और लिंक्ड बैंक खाते निष्क्रिय हो गए हैं और निवेशक अपने पते पर आने वाले लाभांश चेक को नहीं भुना रहे हैं तो डीमैट खाते में रखे गए शेयर भी लावारिस हो जाते हैं और आईईपीएफ प्राधिकरण को हस्तांतरित हो जाते हैं।
कैसे रिकवर करें लावारिस शेयर और डिविडेंड
ये जान लीजिये कि ऐसा कोई केंद्रीकृत डेटाबेस नहीं है जो सभी कंपनियों के लावारिस शेयरों और लाभांश की व्यापक जानकारी प्रदान करता हो। हालांकि कंपनी अधिनियम और आईईपीएफ नियम सूचीबद्ध संस्थाओं को ऐसे निवेशकों और बिना भुगतान वाले लाभांश की सूची हर साल अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए बाध्य करते हैं ताकि निवेशकों को पता चल सके। दिक्कत ये है कि लिस्टेड कंपनियों की संख्या 6,000 से ज्यादा है और एक छोटे निवेशक के लिए सभी की वेबसाइट से जानकारी पता कर पाना जाना बहुत मुश्किल है। आईईपीएफ प्राधिकरण ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया है जहां निवेशक का नाम, पिता का नाम, फोलियो नंबर आदि का उपयोग करके जानकारी खोजी जा सकती है। प्राधिकरण के पास रिफंड दाखिल करने के लिए निवेशक, प्राधिकरण की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ये रिफंड कंपनियों द्वारा दावों के सत्यापन के बाद निपटाए जाते हैं। हालांकि, यह पोर्टल सभी कंपनियों के बारे में जानकारी कवर करने के लिए संपूर्ण विवरण प्रदान नहीं करता है। इसके अलावा, नाम के गलत मिलान या वर्तनी की त्रुटि जैसी समस्याएं हैं, जिसके कारण उन्हें खोजना संभव नहीं है। इसके अलावा निवेशक लावारिस लाभांश और शेयरों को पाने के लिए अपने पुराने दस्तावेजों जैसे शेयर प्रमाणपत्र, लाभांश वारंट या वार्षिक रिपोर्ट की तलाश कर सकते हैं और फिर कंपनी और उनके रजिस्ट्रार तक पहुंच सकते हैं।
निवेशकों और कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए ऐसे निवेशों का दावा करने के लिए, पहला कदम शेयरों और लाभांश की पूरी सूची और उनके पुराने निवेशों के बारे में जानकारी होना है। कई मामलों में, परिवारों के पास उचित दस्तावेज नहीं होते हैं या वे अपने निवेश के बारे में पूरी तरह से अनजान होते हैं, ऐसे में उनके लिए प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है।
ख़ास बातें
- कंपनी अधिनियम 1956 के अनुसार, जब वास्तविक शेयरधारक किसी भी कारण से अपने लाभांश का दावा नहीं करता है, तो लाभांश को लावारिस घोषित कर दिया जाता है। दावा नहीं किए गए लाभांश को एक अलग खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है, और वास्तविक निवेशक अगले सात वर्षों में राशि का दावा कर सकता है। अगर सात साल तक भी राशि का दावा नहीं किया जाता है, तो यह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फण्ड) में चला जाता है।
- लावारिस निवेश विभिन्न वित्तीय रूपों में निवेश होते हैं जिनके कानूनी मालिक किसी भी कारण से वर्षों तक दावा करने में असमर्थ हैं। आमतौर पर, लावारिस निवेश बीमा पॉलिसियों, लाभांश, म्यूचुअल फंड, विभाजित शेयरों, बोनस शेयर आदि में पाए जाते हैं। विभिन्न कंपनियां शेयरधारकों को अतिरिक्त या बोनस शेयरों के रूप में लाभ देती हैं। बोनस शेयर को उस अवस्था में ‘लावारिस बोनस शेयर’ घोषित किया जाता है, जब शेयरधारक गैर-हस्तांतरण या शेयरों की डिलीवरी न होने सहित किसी भी कारण से लाभ प्राप्त करने में असमर्थ होता है। यदि वास्तविक शेयरधारक काफी लंबे समय तक बोनस शेयर का दावा नहीं करता है, तो संबंधित कंपनी इसे सस्पेंस खाते में स्थानांतरित कर देती है।
- आप अपने भुला दिए गए शेयरों और लाभांश का दावा कभी भी कर सकते हैं। इसके लिए ‘आईईपीएफ 5’ फार्म में एक आवेदन करना होगा जिसके लिए आवश्यक शुल्क जमा करना होता है। इसके बाद आप आईईपीएफ प्राधिकरण से अपने शेयर और डिविडेंड प्राप्त कर सकते हैं। प्राधिकरण समय-समय पर केंद्र सरकार से परामर्श करने के बाद शुल्क तय करता है।
आवेदन कैसे करें
- आईईपीएफ की वेबसाइट पर जाएँ और फॉर्म 5 आईएनवी डाउनलोड करें।
- फॉर्म को उसके इंस्ट्रक्शन किट में दिए गए निर्देशों के अनुसार भरें।
- भरे हुए फॉर्म को आईईपीएफ पोर्टल पर अपलोड करें।
- फॉर्म 5-आईएनवी भरने और एमसीए21 पोर्टल पर अपलोड करने के बाद, आपको दावा न किए गए और अदा न की गई राशि का विवरण एक एक्सेल फाइल में देना होगा। सो आईईपीएफ पोर्टल से एक्सेल टेम्प्लेट डाउनलोड करें।निवेशक-वार विवरण के साथ एक्सेल टेम्प्लेट भरें। पूरे विवरण के साथ एक्सेल फ़ाइल अपलोड करें।
- सभी विवरण अपलोड होने के बाद विवरण अपलोड करने की पुष्टि करें।