Sone Ka Bhav: आज धनतेरस पर सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान
Sone Ka Bhav: अक्सर ऐसा देखा गया है, कि लोग सोने की खरीद को लेकर जितने उत्साहित रहते हैं, इससे जुड़ी सावधानियों को उतना है अनदेखा कर देते हैं। यह नहीं करना चाहिए। अति उत्साह में ऐसी ही लापरवाही कल आपके लिए मुसीबत बन सकती है।
Sone Ka Bhav: धनतेरस (Dhanteras 2021) आज (02 नवंबर मंगलवार) है। हिन्दू धर्म को मानने वाले भारतीय इस दिन सोना खरीद को शुभ मानते हैं। सोना खरीदने की बात जब चलती है, तो लोगों की पहली पसंद आभूषण (Gold Jewellery) ही रहती है। हालांकि, कुछ लोग हैं जो सोने की बिस्किट (Gold Biscuits) या सोने के सिक्के में निवेश करते हैं। लेकिन, अक्सर ऐसा देखा गया है, कि लोग सोने की खरीद को लेकर जितने उत्साहित रहते हैं, इससे जुड़ी सावधानियों को उतना है अनदेखा कर देते हैं। यह नहीं करना चाहिए। अति उत्साह में ऐसी ही लापरवाही कल आपके लिए मुसीबत बन सकती है। तो चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि आप भी अगर धनतेरस (Dhanteras 2021) के मौके पर सोने के आभूषण आदि खरीदने जा रहे हैं तो उस वक्त किन बातों का खास ध्यान रखें।
मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोने और चांदी दोनों के भाव निचले स्तर पर कारोबार करते देखे गए। एमसीएक्स पर 63 रुपए और 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ सोना वायदा 47,835 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जबकि चांदी के वायदा, एमसीएक्स पर 165 रुपए या 0.25 फीसदी की गिरावट दर्ज करते हुए 64,600 रुपए प्रति किलोग्राम पर खुदरा बिक्री कर रहा है।
Aaj Ka Sone Ka Dam - इस बाजार के जानकारों की मानें तो त्योहारों के वक्त सोना खरीदते वक्त इसकी शुद्धता पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। हम सब को पता है कि शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। हालांकि, कोई भी आभूषण 100 फीसदी शुद्ध सोने की नहीं बनती। इसकी वजह 24 कैरेट सोना का बेहद लचीला होना होता है। अतः इसकी ज्वैलरी नहीं बनाई जाती। इसलिए सोने के आभूषण (Gold Jewellery) में इस्तेमाल होने वाला सोना 22 कैरेट या 18 कैरेट का होता है। लेकिन ध्यान दें, गोल्ड बार या सिक्का शुद्ध सोना में खरीदा जा सकता है। कैरेट के अलावा फाइनेंस के जरिए भी सोने की शुद्धता का पता लगाया जा सकता है।
जितना कैरेट का सोना, उतनी ही कीमत
याद रखें, सोना के कैरेट जितने ज्यादा होते हैं, उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होती है। जैसे- 24 कैरेट गोल्ड, 22 कैरेट वाले से महंगा होगा। चूंकि, सोने के आभूषण (Gold Jewellery) या ज्वैलरी 22 कैरेट गोल्ड की होती है, इसलिए इसकी कीमत 24 कैरेट गोल्ड के हिसाब से नहीं हो सकती। इसलिए ग्राहक विशेष ध्यान दें कि आपको कहीं प्योर गोल्ड ज्वैलरी यानी 24 कैरेट के भाव में 22 कैरेट का आभूषण तो नहीं दिया जा रहा। इसलिए आपका सजग रहना जरूरी है। आप स्वर्ण विक्रेता से बिल पर सोने की शुद्धता और कीमत जरूर लिखवाएं। ऐसे में आपके पास लिखित दस्तावेज रहेगा।
मेकिंग चार्ज का झोल समझें
अक्सर, जब हम सोने के जेवरात (Gold Jewellery) आदि बनवाते हैं तो उस पर किए गए काम के हिसाब से दुकानदार हमसे 'मेकिंग चार्ज' वसूलता है। यह ज्वेलरी की अंतिम कीमत में जोड़ दिया जाता है। सोने के आभूषण (Gold Jewellery) पर जितना बारीक काम होगा, हमसे मेकिंग चार्ज उतना ही ज्यादा वसूला जाता है। जैसे आज धनतेरस का त्यौहार है तो ऐसे समय डिमांड के हिसाब से ज्यादा मेकिंग चार्ज वसूला जाता है। ऐसे में जिन ग्राहकों के पास खरीदारी के लिए कम वक्त होता है, वो बिना ज्यादा मोल-भाव किए दुकानदार या ज्वैलर के बताए गए मेकिंग चार्ज का भुगतान कर देते हैं। लेकिन, आपको इससे बचना चाहिए। जितना संभव हो मेकिंग चार्ज को लेकर आपको मोलभाव करना चाहिए।
इस बात का दें विशेष ध्यान
जेवर (Gold Jewellery) खरीदते वक्त आपको याद रखना चाहिए, कि स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी में नग की कीमत भी शामिल रहती है। ऐसी जेवर खरीदते समय स्टोन या जेम्स की शुद्धता का सर्टिफिकेट दुकानदार से जरूर लें। क्योंकि, शुद्धता का सर्टिफिकेट ही आपको नकली जेम्स या स्टोन की असली के हिसाब से कीमत देने से बचाएगा। आप चाहें तो नाग में इस्तेमाल स्टोन या जेम्स की कीमत तथा वजन भी अपने बिल पर लिखवाएं। कहीं ऐसा न हो, कि दुकानदार चालाकी से स्टडेड ज्वैलरी में लगे स्टोन्स और जेम्स को भी सोने की कीमत में ही जोड़ दे। इससे आपकी जेब पर अतिरिक्त खर्च आएगा।
हॉलमार्क जरूरी, न करें अनदेखी
आज धनतेरस के मौके पर आप भी सोने की तैयार ज्वेलरी (Gold Jewellery) खरीद रहे हैं तो बीआईएस हॉलमार्क जरूर देखें। क्योंकि, यह सोने की शुद्धता की गारंटी है। साथ ही, सोने के सिक्के खरीदते वक्त भी जांच लें, कि वह 'BIS सर्टिफाइड' हो। बता दें, कि हॉलमार्क में किसी भी स्वर्ण सामग्री पर पांच चीजें अंकित होती हैं। वो हैं- BIS लोगो, प्योरिटी या फाइनेंस दर्शाने वाला नंबर जैसे 22 कैरेट या 916, एसेइंग या हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो, मार्किंग का वर्ष और ज्वैलर्स आइडेंटिफिकेशन नंबर।
बिल लेना कतई न भूलें
त्योहारों के मौसम में आपका ध्यान कई तरफ हो सकता है। लेकिन, सोने की खरीदारी के वक्त दुकानदार या ज्वेलर्स सोने की खरीदी का पक्का बिल लेना न भूलें। इस बात को आप अपने परिचित दुकानदार पर भी लागू करें। ऐसा नहीं करने पर आप धोखे का शिकार हो सकते हैं। संभव है दुकानदार आपको बिल की कार्बन कॉपी दे, ऐसे में आप उसे साफ मना कर दें। साथ ही यह विशेष ध्यान रखें, कि बिल में खरीदे गए आभूषण (Gold Jewellery), मेकिंग चार्ज और दुकानदार की पूरी डिटेल मौजूद हो।
सोने का सिक्का खरीदते वक्त पैकेजिंग का रहे ध्यान
ऐसे कई लोग हैं जो आभूषण (Gold Jewellery) की जगह सोने के सिक्के को तवज्जो देते हैं। अगर आप पहली बार गोल्ड कॉइन (Gold Coin) खरीदने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि सोने के सिक्के टेंपर प्रूफ पैकेजिंग में आते हैं। टेंपर प्रूफ पैकेजिंग का मकसद गोल्ड कॉइन की शुद्धता बरकरार रखना है। इसलिए सोने का सिक्का खरीदते वक्त ध्यान रहे कि सिक्का टेंपर प्रूफ पैकेजिंग वाला ही हो। क्योंकि, कल आप उसे बेचना चाहते हो तो आपको भी इसकी यही टेंपर प्रूफ पैकेजिंग बरकरार रखनी होगी।