Crypto News: देश में अरबों डालर का क्रिप्टो कारोबार, छोटे शहरों में तेजी से बढ़ रही ट्रेडिंग
Crypto News: टियर थ्री शहरों में क्रिप्टो ट्रेडिंग का कारोबार दोगुना हो गया है और इसमें युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है और यही वर्ग क्रिप्टो गतिविधि को बढ़ावा दे रहा है।;
Crypto News: कड़े नियमों के बावजूद भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग खूब बढ़ रहा है और इसमें भी छोटे शहर बढ़चढ़ कर आगे हैं। टियर थ्री शहरों में क्रिप्टो ट्रेडिंग का कारोबार दोगुना हो गया है और इसमें युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है और यही वर्ग क्रिप्टो गतिविधि को बढ़ावा दे रहा है। क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनस्विच के अनुसार, जयपुर, लखनऊ और पुणे जैसे शहरों का योगदान सबसे ज्यादा है।
पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी अपनाने वाले देशों में भारत सबसे आगे रहा था। क्रिप्टोकरेंसी डेटा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट कॉइनगेको के मुताबिक भारत में युवा और नए ट्रेडर्स की वजह से बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और दूसरे क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग की मात्रा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दोगुनी होकर 1.9 अरब डॉलर तक पहुंच गई।
युवाओं की भागीदारी
देश की 1.4 अरब की आबादी में से दो-तिहाई लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। पहले शेयर और डेरिवेटिव्स में निवेश करने वाले युवा अब क्रिप्टो की ओर बढ़ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक भारत का क्रिप्टो मार्केट 2035 तक 15 अरब डॉलर से ज्यादा का हो सकता है। कॉइनस्विच के डेटा के मुताबिक, भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए टॉप 10 शहरों में से 7 छोटे शहर हैं जिनमें जयपुर, लखनऊ और पुणे शामिल हैं।
क्रिप्टो ट्रेडिंग भारत में प्रतिबंधित नहीं है लेकिन इसपर भारत में काफी सख्त नियम हैं। क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाले मुनाफे पर भारत में 30 फीसदी टैक्स लगता है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का मार्केट रेगुलेटर यानी सेबी इसे कंट्रोल करने को तैयार है, लेकिन सरकार का रुख अब भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक इसे लेकर लगातार चेतावनी देता रहा है। दिसंबर 2024 की अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में रिज़र्व बैंक ने कहा था - क्रिप्टो एसेट्स और स्टेबलकॉइन का व्यापक उपयोग आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है।
भारत का बाजार
भारत में क्रिप्टोकरेंसी बाजार का मूल्य 2023 में 6.2 अरब अमेरिकी डॉलर था और ये बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण डिजिटलीकरण, खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और ब्लॉकचेन का डेवलपमेंट है। वजीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स और जेबपे जैसे प्लेटफॉर्म इस क्षेत्र के लीडर हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत में फाईनेंशियल टेक्नोलॉजी का पूरा बाजार 1.4 अरब मोबाइल कनेक्शन और 70 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं के दम पर आगे बढ़ रहा है। इसका फायदा क्रिप्टो ट्रेडिंग को मिल रहा है। केन रिसर्च का अनुमान है कि भारत का क्रिप्टो बाजार आगे भी विस्तार करेगा और भारत ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।
सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी
इस बीच क्रिप्टोकरेंसी की एक बड़ी चोरी की खबर आई है। दुबई स्थित क्रिप्टोकरेंसी फर्म बायबिट ने कहा है कि हैकर्स ने 1.5 बिलियन डालर की डिजिटल करेंसी चुरा ली है, जो इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी हो सकती है। इसके पहले 2022 में रोनिन नेटवर्क से इथेरियम और यूएसडी कॉइन की 620 मिलियन डालर की चोरी की गयी थी।
बायबिट कंपनी के संस्थापक बेन झोउ ने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि उनके फंड सुरक्षित हैं और वे प्रभावित लोगों को पैसे वापस कर देंगे। कंपनी ने कहा कि हैकर्स ने इसके एथेरियम कॉइन डिजिटल वॉलेट से चोरी की है। बिटकॉइन के बाद मूल्य के हिसाब से एथेरियम दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। बायबिट के पास 20 बिलियन डालर की संपत्ति है। बायबिट ने कहा कि हैकर्स ने सुरक्षा सुविधाओं का फायदा उठाया और फिर पैसे को किसी अज्ञात पते पर ट्रांसफर कर दिया। बायबिट की स्थापना 2018 में हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पूर्व पेपैल प्रमुख पीटर थिएल कथित तौर पर इसके शुरुआती निवेशकों में से थे। बायबिट का कहना है कि दुनिया भर में इसके 60 मिलियन से अधिक यूजर हैं और यह विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी तक पहुँच प्रदान करता है।