सुकन्या और PPF खातों में बड़ा बदलाव: अब नहीं करने होंगे ये काम
1 अप्रैल 2020 से शुरु होने वाले फाइनेंशियल ईयर (2020-2021) में ग्राहकों को दो नए टैक्स सिस्टम मिलेंगे। इन दोनों में से आपको तय करना होगा कि कौन सा सिस्टम आपके लिए आरामदायक है।
नई दिल्ली: 1 अप्रैल 2020 से शुरु होने वाले फाइनेंशियल ईयर (2020-2021) में ग्राहकों को दो नए टैक्स सिस्टम मिलेंगे। इन दोनों में से आपको तय करना होगा कि कौन सा सिस्टम आपके लिए आरामदायक है। वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) का कहना है कि अगर ग्राहक नए टैक्स सिस्टम को चुनते हैं तो उन्हें 70 टैक्स छूट और कटौती (Tax exemptions and deduction) से हाथ धोना पड़ेगा।
बता दें कि इन टैक्स एग्जेंप्शन और डिडक्शंस में 80C के तहत निवेश पर मिलने वाली डेढ़ रुपये तक की छूट, सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट और साथ ही 80TTA के तहत बचत खाते या पोस्ट ऑफिस खाते में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज पर कटौती भी शामिल हैं। लेकिन 30 ऐसी छूट भी हैं जो आगे भी पहले की ही तरह जारी रहेंगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन 30 छूट में प्रमुख खेती से होने वाली आमदनी, पीपीएफ और सुकन्या खाते की ब्याज रकम पर छूट शामिल हैं।
नए टैक्स सिस्टम के तहत PPF, EPF में क्या होगा बदलाव?
नए टैक्स सिस्टम को चुनने से पहले ग्राहकों/ व्यापारियों के मन में ऐसे कई सवाल आ रहे होंगे, जैसे कि नया टैक्स सिस्टम अगर चुनते हैं तो क्या PPF, EPF से हुई ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। तो चलिए ऐसे में हम आपकी समस्या को दूर करते हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर आप नए टैक्स सिस्टम को चुनते हैं तो PPF और EPF में निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी। हालांकि PPF खाते से होने वाली ब्याज पर छूट मिलनी जारी रहेगी।
प्रोविडेंट फंड (PPF) के ब्याज पर नहीं लगेगा टैक्स
वहीं आपको बता दें कि अगर आप नए टैक्स सिस्टम को चुनते हैं तो प्रोविडेंट फंड (PPF) के ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, प्रोविडेंट फंड (PPF) खाते में जमा की गई रकम पर आपको टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। हालांकि इस पर मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स के दायरे से बाहर होगी।
9.5 प्रतिशत तक ब्याज पर कोई टैक्स नहीं
वहीं इसके अलावा कर्मचारियों के सैलरी के साथ कटने वाले ईपीएफ (EPF) पर 9.5 प्रतिशत तक ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। इसके अलावा EPF और एनपीएस (NPS) में कंपनी की ओर से जमा की जाने वाली रकम भी कर मुक्त होगी। लेकिन, सालाना इसका फायदा उन्हीं लोगों को होगा, जिनकी सालाना सैलरी 7.5 लाख रुपये से कम है। वहीं अगर आप पीपीएफ (PPF) में पैसा जमा करवाते हैं तो टैक्स पर छूट नहीं मिलेगी। लेकिन मैच्योरिटी की रकम पहले की ही तरह टैक्स फ्री रहेगी।
इसके अलावा लोगों के मन में ये भी सवाल है कि मैंने जो अपनी बेटी के सुरक्षित भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया है तो क्या उसमें 1 अप्रैल से कुछ बदलेगा? इस पर टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि पुराना टैक्स सिस्टम चुनने वाले लोगों को छूट के साथ-साथ पुराने सभी फायदे मिलते रहेंगे। वहीं अगर आप नया टैक्स सिस्टम चुनते हैं तो सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सीधे शब्दों में अगर समझा जाए तो ग्राहकों को इससे होने वाली कमाई पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन, पहले की तरह सुकन्या खाता पर धारा 80C के तहत पैसा जमा करने पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट अब नहीं मिलेगी।
नए टैक्स सिस्टम में मिलती रहेंगी ये छूट-
पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज
किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
मृत्यु पर बीमा से मिली रकम
खेती से होने वाली आमदनी
बीमा की मैच्योरिटी की रकम
VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट
छंटनी पर मिला मुआवजा
सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली रकम
रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट