UP Assembly Winter Session Live: स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, बजट मात्र 174 करोड़
सदन नेता प्रतिपक्ष ने स्वास्थ्य मुद्दों पर भी सरकार पर हमलावार हुए। उन्होंने कहा कि इस सरकार की मंशा है कि लोग सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में अपना इजाल करवाए। उन्होंने सदन के माध्मय से सरकार से पूछा कि आप अनूपूकर बजट लेकर आए और इसमें स्वास्थ्य के लिए 174 करोड़ रुपये रखा है तो जरा ये बताएं कि ये सरकार आखिरी देश में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज यूपी में कैसे बनाएगी? बल्कि हकीकत यह है कि इस सरकार ने गरीबों के इलाज के लिए एक भी अस्पताल नहीं बनाया, जहां पर उन्हें पूरा इलाज मिल सके। न ही बने अस्पतालों में सुधार हुआ। इस वजह से आज लोग प्राइवेट अस्पताल में इजाल करने पर मजबूर हैं। बल्कि लखनऊ के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में लोग धक्के का रहे हैं। इलाज के लिए लोग इंतजार कर रहे हैं और ये स्थान दलालों का अड्डा बना चुका है। सरकार यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं इसलिए ऐसा बनाना चाह रही है, ताकि यहां पर पीपीपी मॉडल लागू हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार कई जिलों को अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का निर्माण पीपीपी मॉडल पर ले जाना चाहती है। आज मरीजों को हृदय का इलाज नहीं मिल रहा है। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए वेटिंग लेनी पड़ी है। अगर किसी ने सरकार ने यूपी किडनी डायलिसिस की मुफ्त शुरुआत की थी, वह समाजवादी पार्टियों की थीं। हमने गरीबों को फ्री टेस्ट की सुविधा प्रदान की थी। और आज यूपी में लोगों को ठीक से स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं।