Kisan Sansad: किसान संसद में बनाए गए तीन स्पीकर, राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष ने किया प्रदर्शन

Kisan Sansad: किसान संगठनों का कहना है कि जब तक संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session 2021) जारी रहेगा, तब तक हर रोज यहां पर ऐसे ही किसान संसद जारी रहेगा।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-07-22 15:10 IST

राहुल गांधी की अगुवाई में प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस सांसद (फोटो साभार- ट्विटर)

Kisan Sansad: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने आज यानी गुरुवार से जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर "किसान संसद" (Kisan Parliament) की शुरुआत की है। किसानों को 26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई हिंसा के बाद पहली बार (Farmers Protest In Delhi) दिल्ली में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है।

बता दें कि किसान संगठनों का कहना है कि जब तक संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session 2021) जारी रहेगा, तब तक हर रोज यहां पर ऐसे ही किसान संसद जारी रहेगा। आज से शुरू हुए इस संसद में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में भरकर किसान जंतर मंतर पहुंचे। यहां रोजाना सुबह 11 से शाम 5 बजे तक 200 किसान प्रदर्शन करेंगे जिसके लिए दिल्ली पुलिस ने हामी भर दी है। 

संसद में बनाए गए तीन स्पीकर

वहीं, इस बीच किसान नेता शिव कुमार ने बताया कि किसान संसद में तीन स्पीकर, तीन डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं। हर किसी को डेढ़ मिनट का समय मिला है और एक स्पीकर के साथ एक डिप्टी स्पीकर मौजूद रहेगा। वहीं, जंतर-मंतर पहुंचने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां पर अपनी आवाज उठाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को सदम के अंदर भी हमारी आवाज उठानी चाहिए। 

कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) के सांसदों ने कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के दोनों सदनों के कई सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 'काले कानून वापस लो' और 'प्रधानमंत्री न्याय करो' के नारे लगाए। 

26 नवंबर से जारी है किसान आंदोलन

आपको बता दें कि बीते 26 नवंबर से किसान कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में है। इनमें बदलाव हो सकता है लेकिन इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।

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