Brain Cells: मौत के बाद भी जिंदा रहता है ब्रेन का कुछ हिस्सा

Brain Cells: मौत होने के कई घण्टे बाद तक इंसान के मस्तिष्क में कुछ सेल्स या कोशिकाएं एक्टिव बनी रहती हैं।;

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
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Update:2021-06-25 16:40 IST
brain cells remain active even after death
ब्रेन सेल (फोटो-सोशल मीडिया)
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Brain Cells: नई दिल्ली इंसान की मौत यानी दिल धड़कना बन्द हो जाने के बाद भी ब्रेन का कुछ हिस्सा कई घण्टे तक जीवित रहता है।

एक बेहद महत्वपूर्ण स्टडी में ब्रेन की एक्टिविटी के बारे में नई जानकारियां सामने आई हैं। शिकागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने दिल धड़कना बन्द होने के बाद ब्रेन की स्थिति के बारे में पता लगाया है। अभी तक वैज्ञानिकों का ये मानना था कि दिल की धड़कन बन्द होने के साथ मस्तिष्क में भी सब कुछ रुक जाता है।

अब पता चला है कि मौत होने के कई घण्टे बाद तक इंसान के मस्तिष्क में कुछ सेल्स या कोशिकाएं एक्टिव बनी रहती हैं। यही नहीं, मस्तिष्क के कुछ सेल्स में एक्टिविटी बढ़ जाती है और बहुत व्यापक रूप ले लेती है। वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क के ताजा टिश्यू में जीन की मौजूदगी का विश्लेषण करके नए तथ्य जुटाए हैं।

सक्रिय हो जाते हैं कुछ सेल्स

वैज्ञानिकों का कहना है कि मौत के बाद कुछ सेल्स में जीन एक्सप्रेशन यानी एक्टिविटी बढ़ जाती है।

साइंटिफिक रिपोर्ट में प्रकाशित नई स्टडी के अनुसार शोधकर्ताओं ने किसी व्यक्ति की ब्रेन सर्जरी के दौरान कुछ टिश्यू लिए और उनका विश्लेषण अलग अलग समय पर किया। वैज्ञानिकों ने ये पता करने की कोशिश की किसी की मौत के कुछ समय बीतने पर टिश्यू में क्या बदलाव दिखते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ सेल्स में जीन एक्टिविटी मौत के बाद तेजी से बढ़ गई थी। ये एक्टिविटी सूजन वाले ग्लीयल सेल्स में सबसे ज्यादा हुई। ये सेल्स बढ़ने लगे और उनमें से लंबे हाथ नुमा तंतु निकले। ऐसा मौत के कई घण्टे बाद तक हुआ। वहीं दूसरी ओर याददाश्त और सोचने की एक्टिविटी से जुड़े जीन बहुत से खराब होते चले गए।

शोधकर्ताओं ने विश्लेषण से निष्कर्ष निकाला कि 80 फीसदी जीन दिल धड़कना बन्द होने के 24 घण्टे बाद तक स्थिर बने रहते हैं यानी वे खराब नहीं होते। वैज्ञानिकों का कहना है कि नई स्टडी से ब्रेन की एक्टिविटी के बारे में बहुत मददगार जानकारी मिलेगी। इससे ब्रेन की बीमारियों के निदान और इलाज की दिशा में चल रहे रिसर्च को सहायता मिकेगी।

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