Mustard oil: अमेरिका, कनाडा और यूरोप में बैन है सरसों का तेल
Mustard oil: सरसों का तेल अमेरिका में प्रतिबंधित है? अमेरिका ही नहीं, बल्कि कनाडा और यूरोपियन यूनियन में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल खाने में नहीं किया जा सकता है।
लखनऊ: भारत में सरसों के तेल के बगैर रसोई और ढेरों व्यंजन अधूरे रहते हैं। शुद्ध तेल पाने के लिए लोग ज्यादा पैसे खर्च करते हैं और तमाम जतन करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यही हमारा प्यारा सरसों का तेल अमेरिका में प्रतिबंधित है? अमेरिका ही नहीं, बल्कि कनाडा और यूरोपियन यूनियन में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल खाने में नहीं किया जा सकता है।
अमेरिका में सरसों का तेल बेचा जा सकता है लेकिन तेल के डिब्बे में ये चेतावनी लिखी होनी चाहिए कि "ये तेल सिर्फ बाहरी इस्तेमाल के लिए है।" बाहरी इस्तेमाल या एक्सटर्नल यूज़ का मतलब है कि इसे बतौर मसाज आयल इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन खाना बनाने में इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता। अमेरिका में ये भी कानून है कि सरसों के तेल का पूर्णतया शुद्ध अवस्था में आयात नहीं किया जा सकता है।
क्यों है अमेरिका में रोक
अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) तथा यूरोपियन यूनियन और कनाडा के नियामकों के अनुसार सरसों के शुद्ध तेल में एरुसिक एसिड पाया जाता है जिसका ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक होता है। बताया जाता है कि ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से हृदयरोग हो सकता है। खासतौर पर बच्चों में सरसों के तेल का सेवन खतरनाक है। यही वजह है कि खाने में सरसों के तेल के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। एफडीए ने 2016 से सरसों के प्योर तेल को बैन कर रखा है।
एफडीए का आदेश
एफडीए के नियम (इम्पोर्ट अलर्ट नम्बर 26-04) के अनुसार सरसों के तेल का इस्तेमाल वेजिटेबल आयल की तरह करने की इजाजत नहीं है। इसमें 20 से 40 फीसदी एरुसिक एसिड हो सकता है। एफडीए के अनुसार लैब में पशुओं पर किये एक्सपेरिमेंट में पता चला है कि इससे पोषण की कमी और हृदय में खराबी उत्पन्न हो सकती है।
लेकिन एफडीए ने सरसों के "एसेंशियल आयल" को मंजूरी दी हुई है। सरसों को पानी के साथ पीसने के बाद उसे डिस्टिल किया जाता है और इससे जो तेल मिलता है उसे एसेंशियल आयल कहते हैं। ऐसा तेल सलाद या अन्य चीजों में बतौर फ्लेवर डाला जाता है।
माना जाता है सरसों के एसेंशियल आयल के कई फायदे हैं। ये बालों और स्किन के लिए फायदेमंद है, दर्द निवारक और सूजन दूर करता है तथा इससे कैंसर सेल की ग्रोथ रुकती है।