Chandauli Crime News: जाली दस्तावेजों से सरकार को चूना लगाने के बड़े रैकेट का खुलासा, तीन जालसाज गिरफ्तार

जनपद चंदौली में एक ऐसी ही घटना का खुलासा अलीनगर पुलिस ने किया है। जिसमें पुलिस ने कूट रचित दस्तावेजों के द्वारा सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले जालसाजों के सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-09 12:21 GMT

डिजाईन फोटो- न्यूजट्रैक

Chandauli Crime News: उत्तर प्रदेश सरकार जहां फर्जी कार्यों को रोकने के लिए जहां सरकार ऑनलाइन व्यवस्था कर रही है, वहीं जालसाज अभी भी कूट रचित दस्तावेजों के द्वारा सरकार को राजस्व का चूना लगाते हुए अवैध कमाई करते हैं। जनपद चंदौली में एक ऐसी ही घटना का खुलासा अलीनगर पुलिस ने किया है। जिसमें पुलिस ने कूट रचित दस्तावेजों के द्वारा सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले जालसाजों के सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस अधीक्षक चंदौली अमित कुमार द्वारा घटना में शामिल अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी के संबंध में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में अलीनगर पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर बरठीं कमरौल ग्राम स्थित बरठीं द्वार थाना सैयदराजा से तीन सरगना सहित अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बरामद सामान

गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने तीन लैपटॉप, तीन की बोर्ड, दो माउस, तीन प्रिंटर, सहित कंप्यूटर के अन्य सामान व कूटरचित दस्तावेजो में 7 डीएल, 7 खाली प्रमाण पत्र व 34 ई चालान,1 सिड्यूल सी बुक, एक अभिवहन पास बुक, कूटरचित 4 मोहर, 2 इंक पैड, 4 मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेजों की बिक्री से कमाए हुए 6500 रुपए नगद बरामद हुए।

चंदौली: कूट रचित दस्तावेजों से लगाते थे सरकार को चूना


अभियुक्त गुरफान ने बताया कि कैसे करते थे काम

पूछताछ में टीम का सरगना अभियुक्त गुरफान ने बताया कि 2019 में थाना मुगलसराय से अष्टधातु के शंख को चोरी कर बिक्री करने की फिराक में था इस दौरान अपने साथियों के साथ गिरफ्तार होकर जेल चला गया। वर्तमान में पकड़े गए सभी लोग आपस में मिलकर विभिन्न माध्यम से बिहार प्रांत की तरफ से लकड़ी व कोयला लाद कर उत्तर प्रदेश में आने वाली गाड़ियों का फर्जी अभिवहन वाहन पास इत्यादि बनाकर ट्रक चालकों को दे देते हैं। जिसमें कूटरचित दस्तावेजो से हम लोगों को लगभग 1750 रुपये मिलता था। फर्जी डीएल तथा अन्य फर्जी दस्तावेज से भी पैसा मिलता था, उसे आपस में बांट लेते थे।

ई-चालान को कूट रचना द्वारा कंप्यूटर में उसकी तिथि व नंबर बदलकर प्रिंट निकालकर व्हाट्सएप के माध्यम से वाहन चालकों को भेजते थे जिसका प्रति चलान हमें 300 रुपया प्राप्त हो जाते थे। पकड़े हुए अभियुक्तों में गुफरान खाँ,पवन कुमार व इरफान शाह बताए गए हैं।जिन पर पुलिस संबंधित धारा लगाते हुए अग्रिम कार्रवाई करने में जुट गई।

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