SC/ST आयोग के पूर्व मेंबर ने पद जाने के बाद गांठा रौब, तहसीलदार ने लिखवा दी FIR

Update: 2018-08-04 15:21 GMT

एटा: जिले में यूपी एससी-एसटी आयोग के पूर्व सदस्‍य गौरव दयाल वाल्‍मीकि को पद जाने के पांच महीने बाद फर्जी तरीके से प्रोटोकॉल लेना और रौब गांठना महंगा पड़ गया। आयोग के अध्यक्ष ब्रजलाल ने इस संबंध में जिलाधिकारी अमित किशोर को पत्र लिखकर पूर्व सदस्य द्वारा धोखाधड़ी करने की जानकारी दी। अध्यक्ष ने इस मामले में एफआईआर कराने को कहा। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार ने शहर कोतवाली में गौरव दयाल वाल्मीकि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

रौब गांठने के साथ ली अधिकारियों की मीटिंग

उत्तर प्रदेश अनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व सदस्य गौरव दयाल बाल्मीकि ने 26 जुलाई 2018 को एटा जिले के लिए सरकारी दौरा बनाया था और जिलाधिकारी एटा ने पत्र को सही मानते हुए प्रोटोकाल जारी किया था। तहसीलदार ने अपनी तहरीर में स्पष्ट किया है कि गौरव दयाल 3 फरवरी, 2014 से 2 फरवरी, 2018 तक आयोग के सदस्य रहे थे। कार्यकाल खत्म होने के पांच महीने बाद 26 जुलाई, 2018 को गौरव दयाल एटा के निरीक्षण भवन पहुंचे थे और अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को इस्तेमाल किया गया था। बाद में जिले के विभिन्न नगर निकायों के ईओ और अन्य अधिकारियों के साथ भी बैठक की थी। आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करने और फर्जी तरीके से सरकारी मेहमान बनकर सरकार की सुविधाओं का लाभ उठाया था।

वर्तमान अध्‍यक्ष ने पत्र भेजकर लिखवाया मुकदमा

यह मामला उत्तर प्रदेश अनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वर्तमान आयोग अध्यक्ष बृजलाल के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने डीएम और एसपी को पत्र भेजकर पूर्व सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पत्र जारी किया था। इस पर तहसीलदार एटा संजीव ओझा पुत्र महेशचन्द्र ओझा द्वारा 3 अगस्त, 2018 की रात 9बजकर 25 मिनट पर आरोपी गौरव दयाल वाल्मीकि के खिलाफ छल करने, कूटरचित तरीके से दस्तावेजों को देखने और सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने का मुकदमा धारा-419, 420, 467, 468, 471, 170 आईपीसी के तहतर्ह दर्ज कराया गया है। कोतवाल पंकज मिश्रा ने बताया कि तहसीलदार की तहरीर पर अनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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