सनसनीखेज: हरदोई से दिल्ली तक किशोरी संग हुई दरिंदगी, सिस्‍टम से लड़ते हुए तोड़ा पीडिता ने दम

Update: 2018-07-27 11:59 GMT

हरदोई: जिले में सिस्टम से लड़ती एक रेप पीड़िता ने दम तोड़ दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी चाहें पुलिस व्यवस्था बदलने की लाख कोशिश कर लें, लेकिन कुछ दबंग और संवेदनहीन थानेदार सुधरने से बाज नहीं आ रहे हैं।

ये है पूरा मामला

ताजा मामला यूपी के हरदोई जिला का है। यहां मल्लावां थाने की पुलिस की संवेदनहीनता के चलते एक किशोरी मौत के मुंह में समा गई। परिजनों का आरोप है कि सिस्टम की लापरवाही के चलते उनकी बेटी के साथ दुष्कर्मी ने हरदोई से लेकर दिल्ली तक एक माह तक बलात्कार किया। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। पीड़ित ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई तो फर्जी आख्या लगाकर समस्या निस्तारित दिखा दी गई। उधर किशोरी की हालत बिगड़ी तो आरोपी उसे सड़क किनारे फेंककर भाग गया। पीड़िता जब एसपी हरदोई विपिन कुमार मिश्रा से मिली तो उन्होंने फौरन एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही अपनी गाड़ी से पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान किशोरी की सांसे थम गईं।

पुलिस पर लगे संगीन आरोप

किशोरी की मौत के बाद उसके परिजन चीख चीख कर सिस्टम पर बेटी की जान लेने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि मल्लावां कोतवाल इन्स्पेक्टर की ट्रेनिंग पर उन्नाव गए हैं। कोतवाली का चार्ज इस समय विजय प्रताप सिंह के पास है। परिजनों ने बेटी गायब होने की शिकायत मल्लावां के साथ माधौगंज थाने पर की थी, लेकिन पुलिस ने सुनने के बजाए थाने से ही उन्हें भगा दिया था। अगर पुलिस समय से कार्रवाई कर देती तो उनकी बेटी आज जिंदा होती। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या इस तानाशाह थानेदार पर जिम्मेदार कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं।

बहला-फुसलाकर आरोपी ले गया था दिल्‍ली

जानकारी के मुताबिक, मामला मल्लावां कोतवाली इलाके के एक गांव का है। यहां एक किशोरी को माधौगंज थाना क्षेत्र के अटवा अली मर्दनपुर निवासी धीरज उर्फ सोनू पुत्र रामकिशोर बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया। यहां आरोपी ने किशोरी को एक माह तक रखा और उसका महीने भर शारीरिक शोषण किया। किशोरी नें इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। उसे धमकी भी दी गई, जिससे वह डरी सहमी रही। किशोरी की जब हालत बिगड़ी तो आरोपी युवक गांव के बाहर उसको फेंककर चला गया। किसी तरह किशोरी अपने घर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी परिजनों को दी। परिजन उसको लेकर कोतवाली पुलिस के पास पहुंचे और मामले में रिपोर्ट दर्ज करने की तहरीर दी।

पीड़िता के पिता का कहना है पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की तब उसने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल से शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन फिर भी सुनवाई नहीं की गई। तो वह एसपी के पास पहुंचा। एसपी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश मल्लावां कोतवाली पुलिस को दिए जिसके बाद उसकी रिपोर्ट तो दर्ज की गई लेकिन आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किया। पीड़िता जब अपने पिता के साथ एसपी के पास आपबीती सुनाने पहुंची तो बेहद कष्ट में थी। उससे ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। एसपी ने उसकी हालत को देखते हुए मल्लावां पुलिस को फटकार लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे। तब दूसरे दिन उसकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। फिलहाल इस घटना में मल्लावां पुलिस की बेहद संवेदनहीनता नजर आ रही है।

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