22वां दीक्षांत समारोह: CM ने दी SGPGI के छात्रों को नसीहत, कहा-UP में ही दे बेहतर सेवा

Update: 2017-09-16 12:08 GMT

लखनऊ : संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) में शनिवार (16 सितंबर) को 22वां दीक्षांत समारोह का आयोजन श्रुति ऑडिटेरियम में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ और राज्यपाल थे।

इस सेरेमनी में डीएम, एमसीएच, एमडी, पीडीसीसी, पीएचडी और बीएससी नर्सिंग के 87 पासआउट छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई।

इसके अलावा क्लीनिकल इम्युनोलॉजी के डीएम स्टूडेंट डॉ. सनत और यूरॉलजी डिपार्टमेंट के एमसीएच स्टूडेंट डॉ. प्रियांक यादव को प्रो.आरके शर्मा अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा समारोह में प्रो एसआर नायक अवॉर्ड क्लीनिकल इम्युनोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. आरएन मिश्रा को दिया गया।

बढ़ता है छात्रों का उत्साह

विशेष सचिव सीएम आरपी सिंह ने कहा कि 'राज्यपाल महोदय हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में लगे रहते हैं। उन्होंने हमेशा इस क्षेत्र में अपनी रुचि दिखाई है। इसके अलावा इस तरह के प्रोग्राम में सीएम और राज्यपाल के आने से बच्चों का उत्साह बढ़ता है।' उन्होंने कहा कि नई ओपीडी, स्वाइन फ्लू वार्ड पर हमारी नजर है। जहां राज्यपाल समारोह में छात्रों को सर्टिफिकेट्स बांट रहे थे। वहीं सीएम योगी छात्रों को आशीर्वाद देते नजर आए।

कम बजट को लेकर निदेशक में झलकी निराशा

पीजीआई के निदेशक ने सीएम से इस बार कम बजट मिलने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हमको 100 करोड़ का बजट दिया था। इस बार सिर्फ 33 करोड़ ही मिला है। मंच पर निदेशक कम बजट को लेकर दुखी नजर आए।

जैसी जरूरत वैसा पैसा

बजट पर जवाब देते हुए योगी ने कहा कि 'मैंने पीजीआई के लिए 473 करोड़ का पर्सनल लोन लिया है। उनका कहना है कि जैसी जरूरत होगी वैसा पैसा मिलेगा। उनका कहना है कि पैसा के चलते यूपी के किसी अस्पताल में काम नहीं रुकेगा।

छात्रों को दी नसीहत

सीएम ने डिग्री पाने वाले छात्रों को नसीहत दी कि सरकार ने आप पर बहुत पैसा खर्च किया है, इसलिए यूपी में ही सेवा दें तो बेहतर होगा। पूरे प्रोग्राम में बजट को लेकर तनातनी दिखी। सीएम योगी निदेशक के 33 करोड़ों का बार-बार नाम लेने पर गुस्से में दिखे।

इस तनातनी में राज्यपाल माहौल हल्का करने की कोशिश में लगे हुए थे। उन्होंने छात्रों से कहा कि माता-पिता ने आपको बहुत मुश्किल से पढ़ाया है इसलिए उनको कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि मेहनत और ईमानदारी से काम करना बहुत जरूरी है।

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