AIIMS MBBS Results 2017: परिणाम घोषित, गुजरात की निशिता ने मारी बाजी
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने गुरुवार सुबह MBBS कोर्स में दाखिला के लिए ली जाने वाली परीक्षा के परिणाम की घोषणा कर दी है। इस एग्जाम में सूरत गुजरात की रहने वाली 18 साल की निशिता पुरोहित ने बाजी मारी है। निशिता ने ऑल इंडिया पहला स्थान प्राप्त किया है। निशिता कोटा के Allen Career Institute से पढ़ाई की है।
नई दिल्ली : ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने गुरुवार (15 जून) सुबह MBBS कोर्स में दाखिला के लिए ली जाने वाली परीक्षा के परिणाम की घोषणा कर दी है। इस एग्जाम में सूरत (गुजरात) की रहने वाली 18 साल की निशिता पुरोहित ने बाजी मारी है। निशिता ने ऑल इंडिया पहला स्थान प्राप्त किया है। निशिता ने कोटा के Allen Career Institute से पढ़ाई की है।
ऐसे करें चेक
-AIIMS MBBS एंट्रेंस 2017 रिजल्ट देखने के लिए इस वेबसाइट aiimsexams.org पर देखें।
-कोटा के Allen Institute का दावा है कि एम्स परीक्षा देने वाले इस इंस्टीट्यूट के छात्रों में 8 ने ऑल इंडिया टॉप-10 रैंकिंग में जगह बनाई है।
-निशिता पुरोहित, नेशनल लेवल बास्केटबॉल प्लेयर हैं और उन्होंने 12वीं में 91.4% अंक प्राप्त किया था।
-निशिता पुरोहित के पिता IIT alumnus हैं, जो उड़ीसा के किसी निजी फर्म में अध्यक्ष हैं।
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अपनी कामयाबी पर बेहद खुश हुई
एक हिंदी अखबार से बातचीत के अनुसार निशिता ने कहा कि वो अपनी कामयाबी पर बेहद खुश हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या अपनी रैंकिंग के बारे में उन्हें पहले से अंदाजा था तो निशिता ने कहा कि उन्हें यह अंदाजा तो था, लेकिन टॉप रैंकिंग मिलेगी, ये अंदाजा नहीं था। निशिता का प्लेनिंग है कि अब वह दिल्ली के एम्स में कार्डियोलॉजी या रेडियोलॉजी की पढ़ाई करेंगी।
माता-पिता को दिया श्रेय
-पुरोहित ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट और माता-पिता को दिया।
-उन्होंने कहा कि जहां एक ओर कोचिंग इंस्टीट्यूट ने सफलता की दिशा दिखाई, वहीं मेरी मां ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया।
-निशिता की मां होम मेकर हैं और वो फार्मेसी में ग्रेजुएट हैं।
-इसका कहना है कि कोटा में रहने के दौरान मेरी मां बार-बार आती थीं और मुझे प्रेरित करती थीं।
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खेल के प्रति पैशन
निशिता को सॉर्टपुट और डिस्कस थ्रो और गाना गाना बहुत पसंद है। एम्स की तैयारी के दौरान भी पुरोहित ने सोशल मीडिया का साथ नहीं छोड़ा था, लेकिन ऐसा भी नहीं था कि वो सोशल मीडिया को बहुत ज्यादा समय देती हों। खेल के प्रति अपने पैशन के बादे में पुरोहित ने बताया कि वो स्कूल और नेशनल दोनों लेवल पर खेलती हैं, लेकिन मेडिकल में करियर बनाने के लिए बास्केटबॉल को छोड़ दिया था। अब उसे दोबारा जारी रखेंगी।
रीविजन करना है जरूरी
अपनी सफलता को बताते हुए निशिता ने कहा कि मैंने 6 घंटे तक कोचिंग क्लास अटेंड किया और फिर क्लास के बाद 6 घंटे सेल्फ स्टडी की। क्लासरूम में पढ़ाई बहुत अहम है। उसके बाद होमवर्क को पूरा करना, फिर रीविजन करना जरूरी है। पुरोहित ने अपने लिए शॉर्ट नोट्स तैयार किए थे। जिससे उन्हें तैयारी में और भी आसानी होती थी।