DM ने केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिए आदेश

नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए आज खुद डीएम दो स्कूलों मे निरिक्षण करने के लिए पहुंच गए। जहां उनको खामियां ही खामियां मिली। जिसे देखकर डीएम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसकी वजह ये भी है कि केंद्र व्यवस्थापकों ने सर्टिफिकेट दिया था कि उनके पास कैमरे और वाइस रिकार्डर लगे है।

Update: 2019-01-29 14:47 GMT

शाहजहांपुर : नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए आज खुद डीएम दो स्कूलों मे निरिक्षण करने के लिए पहुंच गए। जहां उनको खामियां ही खामियां मिली। जिसे देखकर डीएम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसकी वजह ये भी है कि केंद्र व्यवस्थापकों ने सर्टिफिकेट दिया था कि उनके पास कैमरे और वाइस रिकार्डर लगे है। लेकिन निरिक्षण के दौरान ऐसा कुछ नही मिला। जिसे देखकर ये पता लगा कि गलत जानकारी उनके द्वारा दी गई। जिसके बाद इस मामले मे केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए है।

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दरअसल यूपी बोर्ड परिक्षा के मामले मे नकल के नाम पर यूपी का शाहजहांपुर काफी बदनाम रहा है। ऐसे मे परीक्षा में किसी भी स्तर पर नकल न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इसी के चलते आज डीएम अमृत त्रिपाठी कलान तसहील के ग्राम हरसीपुर के राम प्रसाद बालिका इंटर कालेज पहुचे जहां पर उनको स्कूल के कमरों मे एक भी कैमरा नही मिला। इतना ही नहीं उन कमरों में एक भी वाईस रिकार्डर एक्टिवेट नही मिला। जबकि केंद्र व्यवस्थापकों ने शिक्षा विभाग को एक सर्टिफिकेट दिया था कि उनके स्कूल मे मानक पूरे किए गए हैं। लेकिन जब डीएम को कैमरे और वाईस रिकार्डर नहीं मिले तो उनका गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने तत्काल डीआईओएस को केंद्र व्यवस्थापकों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए। उसके बाद डीएम मिर्जापुर के राम पाल सिंह इंटर कालेज पहुंचे जहां पर उनको स्कूल के कमरे के कच्चे लेंटर मिले और साथ ही स्कूल की बाउंड्री भी नहीं थी। खेत से स्कूल चारो ओर से घिरा हुआ था। उस स्कूल को देखकर लग रहा था कि यहां बड़े स्तर पर नकल कराई जाती होगी।

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डीएम अमृत त्रिपाठी का कहना है कि स्कूल संचालकों ने सर्टिफिकेट दिया था कि उनके स्कूल में परीक्षा के दिए मानक पूरे हैं। लेकिन निरिक्षण मे ऐसा कुछ नहीं मिला। इसलिए गलत सूचना देने पर डीआईओएस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

 

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