Election 2024: इंडिया गठबंधन ने पार किया 272 का आंकड़ा, अब 350 सीटें जीतने की ओर: जयराम रमेश

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इंडिया गठबंधन के जीत का दावा किया है।

Written By :  Sidheshwar Nath Pandey
Update:2024-05-25 22:51 IST

जयराम रमेश। (Pic: Social Media)

Jairam Ramesh Post on X: देश के आठ राज्यों की 58 सीटों पर आज मतदान समाप्त हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश की भी 14 सीटें शामिल है। लोकसभा चुनाव में एक चरण का चुनाव अभी बाकी है। मगर कांग्रेस पार्टी ने अपनी जीत का दावा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर जीत का दावा किया है। अपने पोस्ट में उन्होंंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन 272 का आंकड़ा पार कर लिया है। अगले चरण के चुनाव में गठबंधन 350 सीटों पर जीत की तरफ बढ़ेगा। इंडिया गठबंधन ये दावा पहले चरण के मतदान होने के बाद से ही कर रहा है। आज जीत के दावे के साथ अपने पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि पीएम मोदी को अब अपने रिटायरमेंट पर विचार करना चाहिए। 

'बीजेपी का जाना तय'

छह बिंदुओं में अपनी बात रखते हुए जयराम रमेश ने सबसे पहले अपनी जीत का दावा करते हुए पीएम मोदी को रिटायरमेंट प्लान के बाकरे में सोचने को कहा। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, आज छठे चरण का चुनाव ख़त्म हो गया। अबतक 486 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। अब, जब प्रधानमंत्री ने अपने रिटायरमेंट प्लान पर विचार करना शुरू कर दिया है, तब 2024 के लोकसभा चुनाव की स्थिति बिलकुल स्पष्ट है। इसके बाद उन्होंने लिखा कि बीजेपी का जाना तय है। यह स्पष्ट हो गया है कि वे दक्षिण में साफ़ और उत्तर, पश्चिम एवं पूर्व में हाफ़ हो रहे हैं।

'पहले चरण के बाद मजबूत हुआ गठबंधन'

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में गठबंधन मजबूत होने की बात कही। उन्होंने लिखा कि पहले चरण के बाद से INDIA जनबंधन लगातार मजबूत हुआ है। महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और आज दिल्ली में मतदान के बाद, हम गठबंधन के सहयोगियों के बीच एक अविश्वसनीय केमिस्ट्री देख रहे हैं। INDIA जनबंधन पहले ही 272 सीटों के आंकड़े को पार कर चुका है और कुल मिलाकर 350 से अधिक सीटें जीतने की ओर बढ़ रहा है। देश के मतदाता निवर्तमान प्रधानमंत्री के विश्वासघात और चालाकी को समझ चुके हैं।

'पीएम के पास रिटायरमेंट प्लान के लिए अतिरिक्त समय'

जयराम रमेश ने पीएम पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री के पास अपना रिटायरमेंट प्लान बनाने के लिए अतिरिक्त समय है, क्योंकि भाजपा का अभियान जल्द ही समाप्त हो रहा है। उन्होंने दावा किया पीएम मोदी हरियाणा और पंजाब में प्रचार भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके नेताओं को ग्रामीण गांवों से बाहर निकाल रहे हैं। किसान विरोधी सरकार के प्रति किसानों का गुस्सा चरम पर है। उनका इस सरकार से पूरी तरह से मोहभंग हो चुका है।

'इसलिए पीएम कर रहे भ्रामक बातें'

आगे उन्होंने लिखा कि अब जब निवर्तमान प्रधानमंत्री को हार बिलकुल नज़दीक दिख रही है तब वह और भी ज़्यादा भ्रामक बातें कर रहे हैं। उन्होंने अब कहा है कि उनका जन्म नहीं हुआ था, उन्हें स्वयं परमात्मा ने भेजा है। शायद वह अपने अगले करियर में खुद को गॉडमैन के रूप में देख रहे हैं। यहां तक ​​कि उनके चेले-चपाटों ने भी उनकी इस बात को स्वीकार कर लिया है - पुरी से भाजपा उम्मीदवार संबित पात्रा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ भी प्रधानमंत्री के "भक्त" हैं। भारत के मतदाता इन दोनों को सबक सिखाने जा रहे हैं।

'अनाज के आवंटन को दोगुना करने की गारंटी ने बनाया माहौल'

कांग्रेस पार्टी के अभियान की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा कि यह चुनाव कांग्रेस पार्टी के सकारात्मक चुनावी अभियान के आस-पास केंद्रित रहा है। हमारा न्याय पत्र और हमारी गारंटियां सभी दलों के प्रचार के केंद्र में है। 'खटा-खट' के नारे ने लोगों का ध्यान इस हद तक खींचा है कि प्रधानमंत्री भी इस पर प्रतिक्रिया देने को मजबूर हो गए हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रत्येक व्यक्ति के लिए मुफ़्त अनाज़ के आवंटन को दोगुना करने की हमारी अंतिम गारंटी की घोषणा ने उत्तर और पूर्वी भारत में ज़बरदस्त माहौल बनाया है।

'चुनाव आयोग पर उठाया सवाल'

अपने पोस्ट में जयराम रमेश ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा कि चुनाव के बीच चुनाव आयोग का लगातार सोते रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भाजपा पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भाजपा हर दिन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती है। मतदान में धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल, मतदान के दिन विज्ञापन, सोशल मीडिया पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार मतदान करते हुए वीडियो डालना। इन सभी ने प्रधानमंत्री को जवाबदेह ठहराने की चुनाव आयोग की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। हम मतदान समापन के बाद जल्द से जल्द मतदान के अंतिम आंकड़ों को जारी करने की उम्मीद करते हैं। फॉर्म 17सी को सार्वजनिक रूप से जारी करने से इंकार करना चुनाव आयोग के पारदर्शिता के आदर्शों के विपरीत है। यह चुनाव प्रणाली में विश्वास को कम करता है।

Tags:    

Similar News