Delhi Assembly Election 2025: देश की राजधानी "दिल्ली" के दिल पर किसका होगा राज!

Delhi Assembly Election 2025 Update: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साफ पता चल गया है कि वे जीत तो जाएंगें लेकिन अगर उन्होंने चुनाव प्रचार में कोई कमी छोड़ी तो उनकी नैय्या डूब सकती है।;

Report :  Manvendra Kumar
Update:2025-01-08 12:54 IST

Delhi Assembly Election 2025 Update 

Delhi Assembly Election 2025 Update: देश की राजधानी दिल्ली जिसने अपने हर दीवार, हर मिनार हर दरवाज़े हर मेहराब पर इतिहास को संजोया हुआ है। जिसकी हर ऐतिहासिक ईमारतें सैनानियों को ललचाती है तो नेताओं में सत्ता का ख्वाब भी जगाती है। जिस जमीं से देश के सुल्तान का संबोधन होता है। उसी दिल्ली के तख्त पर जनता किसे बिठाना चाहती है। इसके लिए देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव हो रहे हैं। लेकिन ख़ुद दिल्ली की जनता किस-किस को विधानसभा भेजना चाहती है और दिल्ली के दिल में क्या है? यह एक बड़ा सवाल है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साफ पता चल गया है कि वे जीत तो जाएंगें लेकिन अगर उन्होंने चुनाव प्रचार में कोई कमी छोड़ी तो उनकी नैय्या डूब सकती है। क्योंकि दिल्ली की जनता परिवर्तन तो चाहती है लेकिन किसे सत्ता दे देंगी कहना मुश्किल है। हालांकि अभी तक के रिपोर्ट और सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी आगे नजर आती है लेकिन यह महज कयास है, अनुमान है। भाजपा ने जिस तरह से तैयारी की है उससे जनता का विश्वास उनकी तरफ भी है। लेकिन सीटों का ऐसा समीकरण है जिसमें भाजपा को थोड़ा नुकसान होता नजर आता है। भाजपा ने अनधिकृत क़ॉलनियों का जो दांव चला है उसे जनता ने सिर आंखों पर लिया है। भाजपा अपना मुख्यमंत्री घोषणा नहीं करना चाहती है क्योंकि इसका उसे पिछले हुए विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा उठाना पड़ा था। किसी भी तरह से दिल्ली अपने बीच के नेता को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहती है। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यह भरसक प्रयास किया है कि सभी को दिल्ली में जगह मिले। इसमें वे सफल भी होते नजर आए हैं। सभी का विश्वास उन्हें मिला है। जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के चुनाव के लिए हुंकार भरी है इससे तो यही प्रतीत हुआ की जनता का रुख अभी भाजपा की ओर भी है। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा जनता के बीच रहकर उनके मुद्दे को उठाया है। भाजपा के पास सकारात्मक संकेत यह है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर इनका कब्जा है। इस लिहाज से देखें को दिल्ली की जनता विधानसभा में इन्हें सीटें दे सकती है। हालांकि दिल्ली की जनता काफी जागरूक है ऐसे में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग मुद्दे होते हैं अलग-अलग नीतियों होती है। इसका फायदा भाजपा के दिल्ली में प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी को मिल रही है।

हालांकि जिस प्रकार से दिल्ली में मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर गहमागहमी है इससे यह तो तय है कि भाजपा को इसका फायदा मिलेगा। लेकिन कितना अभी कहना मुश्किल है। भाजपा दिल्ली प्रभारी अतुल गर्ग का दावा है कि दिल्ली में इस बार भाजपा की ही सरकार बनेगी। अब यह दावा केवल चुनावी जुमले बनकर रहे पाते हैं या जनता उन्हें गद्दी देती है यह अभी गर्भ में है।

कहां किसका जोर

  1. सिख और पंजाबी- - जंगपुरा, कालकाजी, मालवीय नगर, तिलकनगर, हरिनगर, राजौरी गार्डन, विष्णु गार्डन, शालीमार बाग, मोतीनगर, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, गीता कॉलोनी, गांधी नगर, विश्वास नगर।
  2. मुस्लिम-- ओखला, मिंटो रोड, मटियामहल, सीलमपुर, बल्लीमारन, करावल नगर, सदर, तुगलकाबाद, मालवीय नगर।
  3. दलित- सीमापुरी, मंगोलपुरी, त्रिलोकपुरी, सुल्तानपुरी, गोकुलपुरी, भलस्वा, जहांगीरपुरी, पटपड़गंज, अंबेडकर नगर।
  4. वैश्य- चांदनी चौक, त्रिनगर, शालीमार बाग, बादली, मंडावली, विश्वासनगर, यमुना विहार, बाबरपुर, कमलानगर, सदर, शकूरबस्ती, साकेत, वजीरपुर, मॉडल टाउन।

पूर्वांचली और पहाड़ी- गोल मार्केट, साकेत, कस्तूरबा नगर, नसीरपुर, बादली, कराबलनगर, शाहदरा, रोहिणी, द्वारका, घौंड़ा, विनोदनगर, मंडावली, सरोजनीनगर, मिटों रोड, आर के पुरम, दिल्ली गेट, पालम, शाहाबाद, दौलतपुर, भलस्वा, जहांगीरपुरी, यमुना विहार, बलजीतनगर, बदरपुर, लक्ष्मीनगर, गीता कॉलोनी, विकासपुरी, गणेश नगर, मादीपुर।

  1. जाट गुर्जर- नांगलोई, नजफगढ़, महिपालपुर, पालम, बवाना, नरेला, बदरपुर, शाहाबाद दौलतपुर, अलीपुर।
  2. बंगाली- चितरंजन पार्क, करोलबाग, गोलमार्केट।
  3. गुजराती- राजौरी गार्डन, रघुवीर नगर , पीतमपुरा, गुजरात विहार।
  4. दक्षिण भारतीय- मयूर विहार, आईपी एक्सटेंशन, दिलशाद गार्डेन, विकासपुरी, पुष्प विहार।
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