Karni Sena: रामजी लाल सुमन के बयान पर भड़की करणी सेना, अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी

Karni Sena: रामजी लाल सुमन के बयान पर भड़की करणी सेना, अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी;

Update:2025-04-13 09:02 IST

Karni Sena: आगरा के गढ़ी रामी क्षेत्र में शनिवार को करणी सेना और उससे जुड़े 40 क्षत्रिय संगठनों ने राणा सांगा की जयंती पर आयोजित "रक्त स्वाभिमान सम्मेलन" के दौरान जोरदार प्रदर्शन किया। इस पूरे आयोजन की पृष्ठभूमि में समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का संसद में दिया गया वह बयान था, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को बाबर को भारत आमंत्रित करने वाला बताया। सुमन की इस टिप्पणी को राजपूत समुदाय ने अपनी विरासत और गौरव पर हमला माना और उसी के खिलाफ यह आंदोलन खड़ा हुआ।

इस कार्यक्रम में केसरिया और पीले रंग के स्कार्फ पहने सैकड़ों प्रदर्शनकारी पहुंचे। भीषण गर्मी के बावजूद भीड़ उमड़ी और मंच से तलवारें लहराते हुए जमकर नारेबाज़ी की गई। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने स्पष्ट कहा कि जब तक रामजी लाल सुमन सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।

अखिलेश यादव को मिली धमकी 

प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई जब एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी दे दी। उसने कहा, "महाराणा सांगा हमारे लिए पूजनीय हैं। अगर किसी ने हमारे पूर्वजों को गाली दी, तो हम चुप नहीं बैठ सकते। जरूरत पड़ी तो मैं खुद जाकर गोली मार दूंगा।" यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।

इस बयान के बाद कार्यक्रम के समापन पर भीड़ ने नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया और रास्ते में लगी बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए सड़कों पर उतर आए। लाठी-डंडों से बैरिकेडिंग को नुकसान पहुंचाया गया और यातायात कुछ देर के लिए बाधित रहा। पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या और आक्रोश अधिक था।

रामजी लाल सुमन ने दिया था बयान

रामजी लाल सुमन की टिप्पणी 21 मार्च को राज्यसभा में हुई थी, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो राणा सांगा जैसे लोगों को भी गद्दार कहा जाना चाहिए जिन्होंने बाबर को आमंत्रित किया था। इस बयान से राजपूत संगठनों में आक्रोश फैल गया, जिन्होंने इसे ‘इतिहास का अपमान’ बताया।

अखिलेश यादव ने इस पूरे मुद्दे पर करणी सेना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह संगठन नकली है और इनमें कई लोग भाजपा के समर्थक हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर किसी ने रामजी लाल सुमन या पार्टी के किसी नेता का अपमान किया, तो सपा चुप नहीं बैठेगी।

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