National Herald Laundering Case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने तेज़ की अपनी कार्रवाई, अटैच की गई संपत्तियों पर कब्ज़ा लेने के लिए भेजे नोटिस

National Herald Laundering Case: ईडी की जांच में सामने आया है कि इस केस में करीब 988 करोड़ रुपए की काली कमाई की गई है। इस वजह से 20 नवंबर 2023 को एजेएल (AJL) की संपत्तियों और शेयर अटैच किए गए थे। इनकी कीमत लगभग 751 करोड़ रूपए है। फिलहाल कार्यवाही अब अधिकृत अदालत की ओर से मंजूर कर दी गयी है।;

Update:2025-04-12 18:51 IST

National Herald Laundering Case (Image Credit-Social Media)

National Herald Laundering Case: नेशनल हेराल्ड मनी लांड्रिंग केस में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। ईडी ने AJL की संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं जांच में 988 करोड़ की अवैध कमाई का खुलासा हुआ है। आपको बता दे यह मामला साल 2014 में दर्ज हुआ था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाया है। यह मामला कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेशनल हेराल्ड अखबार से संबंधित है और इसमें वित्तीय अनियमिताओं के आरोप है।

ईडी की जांच में सामने आया है कि इस केस में करीब 988 करोड़ रुपए की काली कमाई की गई है। इस वजह से 20 नवंबर 2023 को एजेएल (AJL) की संपत्तियों और शेयर अटैच किए गए थे। इनकी कीमत लगभग 751 करोड़ रूपए है। फिलहाल कार्यवाही अब अधिकृत अदालत की ओर से मंजूर कर दी गयी है।

डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत दर्ज करने के बाद इस मामले में कार्रवाई हुई। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके साथियों ने सिर्फ 50 लाख रुपए देकर एजेएल (AJL) की 2000 करोड़ की संपत्ति हड़प ली थी। आपको बता दें कि ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तब सामने आया कि झूठा किराया, बनावटी विज्ञापन और फर्जी डोनेशन के नाम पर 85 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम की धांधली हुई है। साथ ही संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए नोटिस भी चिपका दिए गए हैं और इनका कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अंतर्गत ईडी अलग-अलग संपत्तियों को अपने कब्जे में जल्द ले लेगी।


क्या है पूरा मामला

साल 1937 मे 'द एसोसिएटेड जर्नल्स' नाम की एक कंपनी बनाई गई थी जिसके निवेशकों में कुल 5000 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। इस कंपनी के द्वारा नेशनल हेराल्ड नवजीवन और कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशन किया जाता था। लेकिन कुछ समय बाद यह कंपनी घाटे में चली गई तो कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया जिससे इस कंपनी को घाटे से निकाला जा सके। लेकिन कंपनी को कोई खास सफलता नहीं मिली। इसके बाद साल 2010 में एक और कंपनी की शुरुआत की गई जिसका नाम था "यंग इंडिया" इस कंपनी में 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास थे। वहीँ मोतीलाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास 12-12 प्रतिशत शेयर थे। इस नई कंपनी यंग इंडिया ने कांग्रेस को अपना 90 करोड़ रुपए का लोन ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा एसोसिएटेड जनरल ने अपना सारा शेयर यंग इंडिया को दे दिया। लेकिन इसके बदले यंग इंडिया ने एसोसिएट जनरल को मात्र 50 लख रुपए दिए। ऐसे में इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराते हुए इसमें हेर-फेर का आरोप लगाया था।  

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