मुंबई 26/11 में दुबई का कौन तीसरा शख्स! NIA ने राणा से क्या क्या पूछा; सेल में बात करना भी गुनाह
Tahawwur Rana: सूत्रों के अनुसार, राणा की सुरक्षा एनआईए के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।;
Mumbai Attack Tahawwur Rana: वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमलों से जुड़े तहव्वुर राणा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्रवाई तेज हो गई है। एजेंसी की उप महानिरीक्षक (DIG) जया रॉय के नेतृत्व में टीम अब राणा की भारत यात्रा, विशेषकर 8 से 21 नवंबर 2008 के बीच की गतिविधियों और संपर्कों की पड़ताल कर रही है। जया रॉय इस मामले की मुख्य जांच अधिकारी भी हैं।
जांच एजेंसी का फोकस राणा से मिली जानकारियों के आधार पर देश के विभिन्न राज्यों में आतंकवाद-रोधी दस्तों (ATS) के साथ समन्वय कर संभावित सुरागों की पड़ताल करना है। एनआईए ने कोर्ट के आदेश के बाद एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि राणा अब 18 दिनों तक एजेंसी की हिरासत में रहेगा, और इस दौरान उससे आतंकी साजिश से जुड़ी विस्तृत पूछताछ की जाएगी। 2008 में हुए हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी और 238 से अधिक घायल हुए थे। सूत्रों के अनुसार, राणा की सुरक्षा एनआईए के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
बात करने की नहीं है अनुमति
एजेंसी प्रमुख सदानंद दाते ने केवल चुनिंदा अधिकारियों को ही राणा की सुरक्षा सेल में प्रवेश की अनुमति दी है। दाते, जो कि महाराष्ट्र कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, 2008 के हमले के समय मुंबई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे और आतंकियों से मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
बताया जा रहा है कि विशेष सुरक्षा गार्ड बारी-बारी से राणा पर नज़र रख रहे हैं, और उसे किसी से बातचीत की अनुमति नहीं है। यदि उसे दूसरे शहरों में ले जाया जाता है, तो विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे, क्योंकि यह आशंका बनी हुई है कि कुछ एजेंसियां उसे खत्म करने का प्रयास कर सकती हैं ताकि वह आईएसआई और लश्कर के स्लीपर सेल्स से जुड़े रहस्यों को उजागर न कर सके। बता दें सेल में किसी को बात करने की अनुमति नहीं। राणा से एनआईए का एक अफसर ही बात कर सकता है।
दुबई में मिले साजिशकर्ता पर फोकस, नए खुलासों की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनआईए की टीम 2008 के मुंबई हमले के सह-साजिशकर्ताओं की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा से दुबई में मौजूद उस संदिग्ध व्यक्ति के बारे में सवाल किए जा रहे हैं, जिससे उसकी मुलाकात डेविड हेडली ने करवाई थी। जांच में सामने आया है कि हमले की योजना के चलते हेडली ने राणा को भारत न जाने की चेतावनी दी थी, जिसे दुबई में मौजूद इस व्यक्ति ने भी दोहराया था। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि दुबई में मिला यह शख्स आखिर कौन था—क्या वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा कोई एजेंट था, पाकिस्तानी सेना का अधिकारी, या फिर किसी आतंकी संगठन का शीर्ष कमांडर?
एनआईए को उम्मीद है कि राणा से पूछताछ के दौरान इस सह-साजिशकर्ता की पहचान और उसकी भूमिका को लेकर अहम सुराग मिल सकते हैं। एजेंसी इस एंगल पर गहराई से जांच कर रही है, क्योंकि दुबई की यह कड़ी हमले की पूर्व योजना और इसमें शामिल अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।