Lok Sabha Election: दो साल बाद यूपी के उच्च सदन में होगा नेता प्रतिपक्ष
Lok Sabha Election: पार्टी जल्द नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम का चयन कर सभापति के पास भेजेगी। भाजपा के अब 78 सदस्य हो गए हैं जबकि सुभासपा पहली बार उच्च सदन में पहुंची है।
लखनऊ। हाल ही लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को मिलीं अपेक्षा से अधिक सफलता आने वाले विधानसभा चुनावों के लिये सुखद संकेत लेकर आए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की अब विधानपरिषद में भी ताकत बढ़ने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने जा रहा है। दो साल पहले जुलाई में उच्च सदन में संख्या जीरो हो जाने से यह पद खाली हो गया था। वहीं बसपा और कांग्रेस विधानपरिषद में शून्य है। विधान परिषद में नेता विरोधी दल का दर्जा हासिल करने के लिए प्रमुख विपक्षी दल के सदस्यों की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए।शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद सपा की सदस्य संख्या 10 हो गई। पार्टी जल्द नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम का चयन कर सभापति के पास भेजेगी। भाजपा के अब 78 सदस्य हो गए हैं जबकि सुभासपा पहली बार उच्च सदन में पहुंची है।
मार्च में हुए चुनाव में एन डी ए के खाते में परिषद की 10 सीटें आई थीं। इसमें 7 भाजपा, 1 अपना दल (S), 1 रालोद और 1 सुभासपा को मिली थी। विधान परिषद में भाजपा के अभी 71 सदस्य हैं। शुक्रवार को 7 और सदस्यों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी। वहीं, 6 साल बाद विधान परिषद में फिर रालोद की वापसी होगी। 5 मई, 2018 को उसके एक मात्र सदस्य मुश्ताक का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद उसके पास इतनी संख्या नही थी कि उनका कोई सदस्य परिषद में पहुंच सके।
प्रदेश विधान परिषद के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से नवनिर्वाचित 13 सदस्यों को शुक्रवार शाम सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने विधान भवन के तिलक हाल में सदस्यता की शपथ दिलायी। शपथ लेने वाले विधान परिषद सदस्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डॉ. महेंद्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, रामतीरथ संतोष सिंघल संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह और मोहित बेनीवाल शामिल हैं।
वहीं भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल अपना दल (एस) के आशीष पटेल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विच्छेलाल और राष्ट्रीय लोकदल(रालोद) के चोगेश चौधरी ने भीके साथ मौजूद सभी निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सदस्य अतराम यादव, शाह आलम एवं किरण पाल कश्यप को भी सभापति ने शपथ दिलायी।
सदस्मों के शपथ ग्रहण के बाद प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में अब प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को नेता विरोधी उत्तर दल का दर्जा मिल जाएगा। अभीतक सपा के पास सदन में निर्धारित सदस्य संख्या न होने से आधिकारिक था। रूप से पार्टी को यह दर्जा नहीं मिला था।विधान परिषद की वेबसाइट के अनुसार उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में इस समय सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 78 सदस्य हैं, जबकि आरके सहयोगी अपना दल (एस), निषाद पार्टी, सुभासपा और रालोद के सदस्यों की एक-एक संख्या है। सदन में प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 से गयी है। शिधक दल और निर्दलीय मिलाकर पांच अन्य सदस्य हैं। अन्य सीटें रिक्त हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में 14 मार्च को कुल 13 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित पोषित किया गया था जिनमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दस और सपा के तीन उम्मीदवार शामिल हैं।