Lok Sabha Election: दूसरा और तीसरा चरण नीतीश के लिए प्रतिष्ठा की जंग, मधेपुरा में डाला डेरा

Lok Sabha Election 2024 : बिहार में पहले चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब दूसरा और तीसरा चरण जदयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-04-20 08:18 IST

सीएम नीतीश कुमार (Photo - Social Media)

Lok Sabha Election 2024 : बिहार में पहले चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब दूसरा और तीसरा चरण जदयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दूसरे और तीसरे चरण की 10 सीटों में से सात पर जदयू के सांसद हैं और नीतीश कुमार के सामने इन सभी सीटों को बचाने की बड़ी चुनौती है। बिहार में दूसरे और तीसरे चरण के मतदान को नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा की जंग माना जा रहा है और इसीलिए उन्होंने यादवों का गढ़ माने जाने वाले मधेपुरा में चार दिनों के लिए डेरा डाल दिया है।

मधेपुरा के आसपास सीमांचल की अधिकांश सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होने वाला है जबकि मधेपुरा, अररिया और सुपौल में तीसरे चरण में मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। नीतीश कुमार ने पहले चरण में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रैलियां की थीं मगर अब उन्हें अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ताकत लगानी है। यही कारण है कि अब अगले चार दिनों तक नीतीश कुमार की धुआंधार रैलियां करने की तैयारी है।

दूसरे चरण की पांच सीटें जदयू के लिए अहम

दूसरे चरण की पांच सीटें एनडीए गठबंधन में जदयू के खाते में आई है और इन पर भाजपा का उम्मीदवार नहीं है। ऐसे में इन सीटों पर प्रचार का जिम्मा मुख्य रूप से नीतीश कुमार के ही कंधों पर है। दूसरे चरण की सीटों में जदयू ने पूर्णिया से संतोष कुशवाहा, भागलपुर से अजय मंडल, बांका से गिरधारी यादव, कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी और किशनगंज से मुजाहिद आलम को चुनाव मैदान में उतारा है। मुजाहिद आलम को छोड़कर बाकी सभी मौजूदा सांसद हैं और नीतीश कुमार ने इन सभी को एक बार फिर चुनावी अखाड़े में उतारा है।

सीमांचल की किशनगंज सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में विपक्ष को सिर्फ इसी सीट पर जीत हासिल हुई थी और बाकी सभी सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। किशनगंज सीट पर जीत हासिल करने के लिए जदयू ने इस बार पूरी ताकत लगा रखी है।

तीसरा चरण भी नीतीश के लिए प्रतिष्ठा की जंग

यदि तीसरे चरण की सीटों की बात की जाए तो पिछले चुनाव में सुपौल,मधेपुरा और झंझारपुर में जदयू ने जीत हासिल की थी जबकि अररिया में भाजपा और खगड़िया में लोजपा को जीत हासिल हुई थी। जदयू ने इस बार मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव, सुपौल से दिलेश्वर कामत और झंझारपुर में रामप्रीत मंडल को चुनाव मैदान में उतारा है। इन तीनों नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल की थी।

नीतीश कुमार अब दूसरे और तीसरे चरण में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए मधेपुरा पहुंच गए हैं। अब अगले चार दिनों तक वे राजधानी पटना से दूर मधेपुरा में ही रात्रि विश्राम करेंगे। पार्टी की ओर से यह कार्यक्रम इसलिए तैयार किया गया है ताकि नीतीश कुमार आसपास की अधिकांश लोकसभा सीटों पर पार्टी का प्रचार कर सकें। जदयू प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का जिम्मा मुख्य रूप से नीतीश कुमार के ही कंधों पर है और इस कारण उन्होंने पूरी ताकत लगा रखी है।

अब अलग रैलियां करेंगे नीतीश कुमार

पहले चरण के चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की जमुई और नवादा में हुई रेलियों में हिस्सा लिया था। हालांकि वे प्रधानमंत्री मोदी की गया और नवादा में हुई रैलियों में नहीं पहुंचे थे। इस बाबत जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद एनडीए के नेताओं को अलग-अलग रैलियां करके मतदाताओं से संपर्क साधने को कहा है।

प्रधानमंत्री का कहना है कि उनके कार्यक्रम में सभी को आने की जरूरत नहीं है। यदि एनडीए के नेता अलग-अलग रैलियां करेंगे तो इससे ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को कवर करने में कामयाबी मिलेगी। इस कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आने वाले दिनों में जदयू और सहयोगी दलों की कई रैलियों को अकेले संबोधित करेंगे।

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