Lok Sabha Election:उत्तर मुंबई सीट पर पीयूष गोयल के लिए BJP की मजबूत किलेबंदी, भाजपा का गढ़ माना जाता है यह इलाका
Lok Sabha Election: हालांकि पार्टी ने इस बार लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले गोपाल शेट्टी की जगह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव मैदान में उतारा है
Lok Sabha Election 2024: मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट पर भाजपा की मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस बार इस लोकसभा सीट पर किस्मत आजमाने के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल चुनाव मैदान में उतरे हैं। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो 1989 से ही इस लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा बना हुआ है। इस बार बीजेपी इस लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए उतरी है। हालांकि पार्टी ने इस बार लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले गोपाल शेट्टी की जगह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव मैदान में उतारा है।
इस लोकसभा सीट पर पीयूष गोयल का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार भूषण पाटिल से हो रहा है। पीयूष गोयल को इस लोकसभा सीट पर डबल एम फैक्टर यानी मराठी और मुस्लिम समीकरण से जूझना है। वैसे भाजपा इस लोकसभा सीट को अपने लिए आसान मान रही है मगर इसके बावजूद भाजपा, शिंदे गुट और संघ की ओर से चुनावी तैयारी में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। वैसे कांग्रेस ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित करने में काफी विलंब किया और इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी का प्रचार भी पिछड़ा हुआ दिख रहा है।
विधानसभा चुनाव में भारी पड़ी थी भाजपा
उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ यूं ही नहीं माना जाता। पिछले दो लोकसभा चुनाव में सीट पर जीत हासिल करके भाजपा ने अपनी ताकत दिखाई है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली छह में से चार विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है जबकि एक सीट उसकी सहयोगी शिवसेना (शिंदे गुट) के पास है।सिर्फ एक मलाड विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। यही कारण है कि इस इलाके में पीयूष गोयल की दावेदारी को काफी मजबूत माना जा रहा है।
पीयूष के माता-पिता भी थे सियासत में सक्रिय
पीयूष गोयल पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं मगर राजनीति से उनका काफी नजदीकी रिश्ता रहा है। उनका परिवार जनसंघ जमाने से ही काफी सक्रिय रहा है। उस समय जनसंघ और संघ के पास इतने संसाधन भी नहीं थे मगर पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल जनसंघ का झंडा बुलंद किए रहते थे। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी सरीखे बड़े नेताओं से उनका करीबी रिश्ता था। वे लंबे समय तक भाजपा के कोषाध्यक्ष भी रहे और इसके अलावा उन्होंने मुंबई भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली।
पीयूष गोयल की मां चंद्रकांता गोयल मुंबई के माटुंगा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार भाजपा की विधायक बनी। इससे समझा जा सकता है कि पीयूष गोयल के खून में राजनीति रची-बसी हुई है। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद वे कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इस बार भाजपा ने उन्हें मुंबई की इस महत्वपूर्ण लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।
उत्तर मुंबई सीट का समीकरण
यदि उत्तर मुंबई लोकसभा सीट के जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा 32 फ़ीसदी मराठी मतदाता हैं। गुजराती और राजस्थानी मतदाताओं की संख्या करीब 28 फ़ीसदी है जबकि 20 फ़ीसदी उत्तर भारतीय मतदाता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुस्लिम मतदाता नौ फीसदी, दक्षिण भारतीय छह फ़ीसदी, ईसाई तीन फ़ीसदी और अन्य मतदाता करीब दो फीसदी हैं।मराठी और मुस्लिम मतदाताओं को साधना पीयूष गोयल के लिए चुनौती बना हुआ है और वे इसके लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार भूषण पाटिल ने मराठी और मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही अन्य मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। भूषण पाटिल को उम्मीद है कि वे 15 साल बाद इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब होंगे।
कांग्रेस ने काफी विलंब से घोषित किया प्रत्याशी
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों को लेकर लंबे समय तक खींचतान की स्थिति बनी रही और यही कारण है कि उत्तर मुंबई लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के ऐलान में काफी विलंब हो गया। काफी देरी से टिकट मिलने के कारण भूषण पाटिल पीयूष गोयल के मुकाबले प्रचार में पिछड़े हुए दिख रहे हैं।हालांकि वे तीन दशक से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं मगर पूरे क्षेत्र में पहुंच बनाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है। संगठन की ओर से भी उनको मजबूत मदद नहीं मिल पा रही है क्योंकि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ खुद भी उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर गई हैं जहां उन्हें भाजपा उम्मीदवार उज्जवल निकम से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है।
पीयूष और भूषण के बीच वार-पलटवार
भूषण पाटिल खुद को मुंबईकर बताते हैं और उनका कहना है कि मैं नॉर्थ मुंबई का भूमिपुत्र हूं जबकि पीयूष गोयल इंपोर्ट किए हुए उम्मीदवार हैं। इसी आधार पर वे स्थानीय मतदाताओं का समर्थन पाने का भरोसा जताते हैं। उनका दावा है कि उन्हें क्षेत्र के सभी वर्गों से जुड़े मतदाताओं का समर्थन हासिल हो रहा है।दसरी ओर पीयूष गोयल का कहना है कि इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहा था और इसी कारण कांग्रेस को टिकट देने में इतनी मशक्कत करनी पड़ी। उनका कहना है कि कांग्रेस की ओर से आखिरी चरणों में एक लोकल बिल्डर भूषण पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा गया है। इससे साबित होता है कि चुनाव से पहले ही विपक्ष काफी कमजोर स्थिति में दिख रहा है।
पूर्व गवर्नर राम नाइक का लंबे समय तक रहा कब्जा
उत्तर मुंबई लोकसभा सीट की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक इस लोकसभा सीट पर 1989 से 2004 के बीच पांच बार लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हालांकि उसके बाद 2004 में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार और बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता गोविंदा के सामने हार का सामना करना पड़ा था।इसके बाद 2009 में कांग्रेस के प्रत्याशी संजय निरुपम ने उन्हें चुनाव हार दिया था। हालांकि इन दोनों चुनाव में वे बहुत ज्यादा मतों से नहीं हारे थे। जहां गोविंदा ने 48,271 मतों से जीत हासिल की थी वही निरुपम सिर्फ 5,779 मतों से जीतने में कामयाब हुए थे।
पीयूष गोयल कांग्रेस प्रत्याशी पर पड़ रहे भारी
इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गोपाल शेट्टी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2014 में उन्होंने निरुपम को 4,47,582 मतों से और 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी और चर्चित अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को 4,65,249 मतों से हराया था।यही कारण है कि इस बार इस लोकसभा सीट पर पीयूष गोयल की राह कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले आसान मानी जा रही है। पीयूष गोयल ने मार्च से ही जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया था। इस इलाके में मजबूत संगठन के दम पर भाजपा की पहुंच घर-घर तक बनी हुई है। इस कारण भाजपा प्रत्याशी पीयूष गोयल कांग्रेस प्रत्याशी भूषण पाटिल पर भारी पड़ते हुए दिख रहे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होने वाला है और आखिरी दिनों में दोनों प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।