Lok Sabha Elections 2024: भाजपा ने जारी की पहली कैंडिडेट लिस्ट, जानें पांच खास बातें

Lok Sabha elections 2024: भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। जानें इस लिस्ट की प्रमुख बातें क्या हैं....

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-03-02 22:51 IST

भाजपा की पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी करते पार्टी पदाधिकारी (Social Media) 

Lok Sabha elections 2024: भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। जानते हैं कि इस लिस्ट के क्या खास मायने क्या हैं।

बाकी दलों से सबसे आगे

भाजपा की 195 नामों की सूची की टाइमिंग सटीक है। लिस्ट ऐसे समय में आई है जब विपक्ष के इंडिया अलायन्स के साथ कई दल कुछ राज्यों में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर पहुंचने में ही उलझे हुए हैं। चुनाव तारीखों की घोषणा से पहले नामों की घोषणा करने से उम्मीदवारों को चुनाव के लिए पहले से तैयारी करने का समय मिल जाता है।

युवा, महिला और ओबीसी

भाजपा द्वारा जारी 195 उम्मीदवारों की सूची में 57 सदस्य यानी लगभग 30 प्रतिशत, ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। जबकि 47 नेता (24 प्रतिशत) 50 और 57 वर्ष से कम उम्र के हैं। 28 महिला उम्मीदवार हैं यानी 14 प्रतिशत। भाजपा स्पष्ट रूप से युवा और महिला उम्मीदवारों पर अपना भरोसा दिखा रही है। महिला मतदाताओं को लुभाने की कई पहलों के अलावा, लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक पेश करना भाजपा सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम था।लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले जाति सर्वेक्षण के लिए विपक्ष की मांग को देखते हुए भाजपा की ओबीसी पहुंच भी महत्वपूर्ण है।

मिशन साउथ

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को केरल के तिरुवनंतपुरम से मैदान में उतारा है, जो तीन बार से वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की हाई-प्रोफाइल सीट है। कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भी केरल के पथानामथिट्टा से चुनाव लड़ेंगे। राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा के सदस्य हैं और वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा के फैसले उसके मिशन दक्षिण के अनुरूप भी हैं जहां कर्नाटक को छोड़कर, वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है। पांच दक्षिणी राज्यों - तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और लक्षद्वीप की 127 सीटों में से भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में केवल 29 सीटें जीत सकी थी। इनमें से 25 कर्नाटक से और चार तेलंगाना से मिली थीं।

यूपी में भरोसेमंद नेताओं पर भरोसा

जबकि दिल्ली में उम्मीदवारों में बदलाव देखा गया है वहीं उत्तर प्रदेश से भाजपा द्वारा घोषित 51 उम्मीदवारों के नामों में से 46 मौजूदा संसद सदस्यों को दोहराया गया है। अभी 29 नाम आना बाकी हैं, लेकिन यूपी की पहली सूची से साफ पता चलता है कि पार्टी राज्य में कोई प्रयोग नहीं करना चाहती। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।

दिल्ली में बदलाव

भाजपा ने दिल्ली की पांच सीटों के लिए घोषित उम्मीदवारों में चार नए चेहरे उतारे हैं। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी और पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा जैसे मौजूदा सांसदों को मैदान में नहीं उतारा है। दिल्ली में नए चेहरों को मैदान में उतारने का निर्णय संभवतः इस तथ्य से लिया गया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी गठबंधन करके दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में भाजपा दिल्ली में स्पष्ट रूप से प्रयोग कर रही है।

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