Mohan Charan Majhi : जानिए कौन हैं ओडिशा के नए CM मोहन चरण माझी, BJP ने आदिवासी नेता को सौंपी कमान

Mohan Charan Majhi: मोहन माझी को ओडिशा का बड़ा आदिवासी नेता माना जाता रहा है और भाजपा ने मांझी की ताजपोशी के जरिए आदिवासी कार्ड चलने की कोशिश की है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-06-11 14:34 GMT

Mohan Charan Majhi: ओडिशा में पहली बार सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री को लेकर अपने पत्ते खोल दिए हैं। भाजपा ने मोहन चरण माझी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। मोहन माझी बुधवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। माझी के साथ डिप्टी सीएम के रूप में केवी सिंह देव और प्रवती परिदा भी शपथ लेंगी।भाजपा विधायकों की आज भुवनेश्वर में हुई बैठक में माझी के नाम पर मुहर लगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। मोहन माझी को ओडिशा का बड़ा आदिवासी नेता माना जाता रहा है और भाजपा ने मांझी की ताजपोशी के जरिए आदिवासी कार्ड चलने की कोशिश की है।

चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं माझी

भारतीय जनता पार्टी के नेता मोहन चरण माझी ओडिशा में क्योंझर विधानसभा सीट पर विधायक चुने गए हैं। उन्होंने हाल ही में हुए चुनावों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजू जनता दल की मीना माझी को 11,577 वोट के अंतर से हराकर जीत दर्ज की है। मोहन चरण माझी को कुल 87,815 वोट मिले थे। वहीं, मीना माझी को 76,238 वोट प्राप्त हुए। इस सीट पर नोट में 3120 वोट गए।मोहन माझी इससे पहले तीन बार क्योंझर विधानसभा सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। 52 साल के मोहन चरण माझी चार बार के विधायक हैं। उन्होंने साल 2000 से 2009 के दौरान दो बार क्योंझर का प्रतिनिधित्व भी किया। इसके बाद मोहन चरण माझी ने साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर क्योंझर से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।


माझी के जरिए भाजपा ने चला आदिवासी कार्ड

मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को ओडिशा के क्योंझर में हुआ। उनका ताल्लुक अनुसूचित जनजाति से है और उन्होंने डॉ प्रियंका मरांडी से शादी की है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत सरपंच (1997-2000) के तौर पर की थी। पहली बार वे साल 2000 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे और उन्होंने जीत हासिल की।भाजपा ने उन्हें राज्य आदिवासी मोर्चा का सचिव भी बनाया। इसके अलावा वे राज्य एसटी मोर्चा के महासचिव और 2005 से 2009 तक उप मुख्य सचेतक भी रहे। ओडिशा में आदिवासी नेता के रूप में मोहन माझी की मजबूत पहचान रही है। इस तरह भाजपा ने आदिवासी कार्ड चलते हुए आदिवासी वोट बैंक में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने का प्रयास किया है।

राज्य में दो नए डिप्टी सीएम होंगे

ओडिशा के नए डिप्टी सीएम बनने वाले केवी सिंह देव का ताल्लुक क राजघराने से है। पटनागढ़ से ताल्लुक रखने वाले सिंह देव ने इस बार छठी बार चुनावी जीत हासिल की है। वे भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार के दौरान भी मंत्री रह चुके हैं। राज्य की दूसरी डिप्टी सीएम चुनी गई प्रवती परिदा ने निमापाड़ा से पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता है। वे ओडिशा में भाजपा की महिला विंग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्हें महिला चेहरे के रूप में भाजपा की ओर से ओडिशा में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।


ओडिशा में भाजपा ने हासिल की है बड़ी जीत

ओडिशा में इस बार के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं और इनमें से 20 सीटों पर इस बार भाजपा ने जीत हासिल की है। कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई है जबकि बीजू जनता दल का खाता नहीं खुल सका।ओडिशा में विधानसभा की 147 सीटें हैं और इनमें से 78 सीटों पर जीत हासिल करते हुए भाजपा ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत पा कर लिया है। नवीन पटनायक की अगुवाई वाला बीजू जनता दल 51 सीटों पर सिमट गया है जबकि कांग्रेस को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है।


24 साल बाद नवीन राज का अंत

नवीन पटनायक ने वर्ष 2000 में राज्य की कमान संभाली थी और उसके बाद वे लगातार राज्य के मुख्यमंत्री बने रहे हैं। इस बार भी राज्य में हो रहे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नवीन पटनायक की अगुवाई में बीजू जनता दल ने पूरी ताकत लगाई थी।इस बार भी उन्हें सत्ता का मजबूत दावेदार माना जा रहा था मगर भाजपा ने उन्हें गहरी चोट पहुंचाई है। नवीन पटनायक ने इस बार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें एक सीट पर जीत तो दूसरी सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।यदि इस बार वे चुनाव जीतते थे तो सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का इतिहास रच देते मगर बीजू जनता दल की करारी हार के बाद नवीन पटनायक को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा है।

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