चंद्रशेखर के लिए नगीना बनी अस्तित्व की लड़ाई, ‘रावण’ की बात न मानकर सपा ने कर दी भूल!
Nagina Lok Sabha Seat: नगीना लोकसभा सीट पर आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद के चुनावी ताल ठोकने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो चुका है। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव को इस सीट से भारी नुकसान हो सकता है।
Nagina Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होनी है। फर्स्ट फेज में यूपी में कुल 8 सीटों पर चुनाव होने हैं, जिनमें मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर, रामपुर, पीलीभीत, नगीना, मुजफ्फरनगर और कैराना सीटें शामिल हैं। इन सीटों में से बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट इस बार काफी हाई-प्रोफाइल हो गई है। राज्य की दलित राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ‘रावण’ के चुनावी मैदान में उतरने से इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। वैसे देखा जाए तो सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए वेस्ट यूपी (West UP) की यह सीट काफी महत्वपूर्ण है लेकिन चंद्रशेखर के लिए यह चुनाव उनके अस्तित्व का चुनाव है। और यही कारण है कि आजाद ने इस चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और पूरी मजबूती से चुनाव लड़ते दिख रहे हैं। कयास लगाए जा रहें हैं कि नगीना सीट (Nagina Lok Sabha Seat) पर चंद्रशेखर के पूरी मजबूती से मैदान में उतरने से सपा उम्मीदवार मनोज कुमार कमजोर पड़ते दिख रहे हैं।
सपा की टिकट से लड़ना चाहते थे चंद्रशेखर
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी की नगीना सीट पर बसपा ने बाजी मारी थी। पिछले चुनाव में मायावती की पार्टी बसपा ने गिरीश चंद्र जाटव (Girish Chandra Jatav) को प्रत्याशी के रूप में उतारा था और उन्होंने जीत हासिल की थी। लेकिन, इस बार बसपा ने गिरीश चंद्र जाटव को बुलंदशहर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। दरअसल, चंद्रशेखर नगीना सीट पर इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, अखिलेश यादव और राहुल गांधी की ओर से उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी गई। इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया और कुछ इस तरह आजाद समाज पार्टी के तहत आरक्षित नगीना सीट (Nagina Lok Sabha Seat) से रावण ने ताल ठोककर इस बार के चुनावी मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है।
आकाश आनंद ने चंद्रशेखर पर लगाए दलितों को भड़काने का आरोप
नगीना सीट अन्य पार्टियों के लिए कितना महत्वपूर्ण है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मायावती भतीजे व बसपा नेता आकाश आनंद (Akash Anand) ने भी अपने चुनाव प्रचार का आगाज नगीना सीट से ही किया था। 6 अप्रैल को आकाश आनंद ने अपनी पहली चुनावी रैली में ही चंद्रशेखर आजाद पर जमकर निशाना साधा। आकाश ने चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) पर दलितों को भड़काने का आरोप लगाया। आकाश आनंद के इस चुनावी हमले को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने बहुत सधा हुआ जवाब दिया और कहा कि मायावती चाहती हैं कि मैं जीत जाऊं, इसलिए नगीना से कमजोर उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है।
अखिलेश यादव से हुई भूल
बता दें, नगीना लोकसभा सीट (Nagina Lok Sabha Seat) पर दलित और मुसलमान मतदाता अहम हैं। अब चंद्रशेखर के चुनावी मैदान में ताल ठोकने से वोट बैंक में बंटवारे की संभावनाएं जताई जा रही हैं। साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता भी चंद्रशेखर के पाले में जा सकता है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से गलती हो गई। अगर वे चंद्रशेखर को अपनी पार्टी से टिकट दे देते तो नगीना में सपा की जीत लगभग पक्की थी। अब चंद्रशेखर के लिए यह लड़ाई अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है और यही वजह है कि चंद्रशेखर यहां अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। वहीं सपा ने इस सीट से मनोज कुमार को टिकट दिया है। भाजपा ने ओम कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है और बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया है।